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स्पैम कॉल पर नकेल कसने के लिए ट्राई की सख्ती, रोबोकॉल और अनचाही कॉल्स पर सख्त दिशानिर्देश की तैयारी

दूरसंचार नियामक के एक अधिकारी ने कहा, रोबोकॉल, अनचाही कॉल की तादाद बढ़ने से स्पैम नियमों की समीक्षा जरूरी

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शुभायन चक्रवर्ती   
Last Updated- September 03, 2024 | 9:04 PM IST

रोबोकॉल और अनचाही कॉल की तादाद में जबरदस्त इजाफे के मद्देनजर भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने स्पैम कॉल पर मौजूदा नियमों की समीक्षा करने और वाणिज्यिक संचार की परिभाषा का दायरा बढ़ाने की पहली की है। ट्राई के अधिकारियों ने बताया कि ऑटोडायलर या रोबोकॉल के लिए सख्त दिशानिर्देश जारी करने और पहले से रिकॉर्ड किए गए मैसेज अथवा बल्क मैसेज को फिल्टर करने की तत्काल आवश्यकता महसूस की गई है।

गैर-पंजीकृत टेलीमार्केटर्स (यूटीएम) के खिलाफ शिकायतों अंबार लगने के मद्देनजर स्पैम पर नकेल कसने के लिए सरकार के प्रयासों में व्यापक बदलाव करने की आवश्यकता है। यूटीएम के खिलाफ शिकायतों की संख्या इस साल जून के आखिर तक 7.5 लाख तक पहुंच गई।

पिछले सप्ताह दूरसंचार नियामक ट्राई ने दूरसंचार वाणिज्यिक संचार ग्राहक वरीयता विनियम, 2018 (टीसीसीसीपीआर-2018) की समीक्षा करने के लिए एक परामर्श पत्र जारी किया था। यह इस खतरे से निपटने के लिए सरकार का मुख्य कानूनी हथियार है। फिलहाल स्पैम को अनचाहे वाणिज्यिक संचार (यूसीसी) की श्रेणी में रखा जाता है जिसे आम तौर पर गैर-पंजीकृत टेलीमार्केटर्स द्वारा भेजा जाता है।

ट्राई के एक अधिकारी ने कहा, ‘हालांकि मौजूदा नियमों के कारण पंजीकृत टेलीमार्केटर्स के खिलाफ शिकायतों में काफी कमी आई है, लेकिन गैर-पंजीकृत टेलीमार्केटर्स द्वारा भेजे गए स्पैम से निटने के लिए इसमें व्यापक बदलाव की जरूरत होगी।’

अधिकारी ने उपभोक्ताओं को धोखे से कॉल करने वाले ऐसे टेलीमार्केटर के खिलाफ दूरसंचार ऑपरेटरों के पास दर्ज शिकायतों की ओर इशारा किया जो 2020 में 3.07 लाख से बढ़कर 2023 में 12.2 लाख हो गई। ट्राई ने आज एक आधिकारिक बयान जारीकर कहा है कि ऐसी शिकायतों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ऐसी शिकायतों की संख्या इस साल के पहले 6 महीनों में ही 7.5 लाख के पार हो चुकी है।

देश में पंजीकृत टेलीमार्केटर्स (आरटीएम) की संख्या करीब 16,000 है। दूरसंचार कंपनियों को फिलहाल यूटीएम के खिलाफ कार्रवाई करने की आवश्यकता है। दूरसंचार ऑपरेटर उन्हें चेतावनी देते हुए रोजाना एक निश्चित संख्या में कॉल करने और मैसेज भेजने के लिए सीमा निर्धारित कर सकते हैं। निर्धारित सीमा का बार-बार उल्लंघन करने पर उनकी सेवाएं बंद की जा सकती हैं। तीसरी बार उल्लंघन किए जाने पर टेलीमार्केटिंग कनेक्शन दो साल के लिए काट दिया जाएगा और उसे ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा।

दूरसंचार नियामक ने कहा कि दूरसंचार कंपनियों ने 50 से अधिक संस्थाओं को ब्लैकलिस्ट किया है और विभिन्न प्रकार के 2.75 लाख से अधिक मोबाइल नंबर पर सेवाएं बंद की जा चुकी है।

रोबोकॉल है निशाने पर

कई कंपनियों ने 10 अंकों वाले मोबाइल अथवा लैंडलाइन नंबरों का उपयोग करते हुए प्रमोशनल कॉल करना शुरू कर दिया है। वे नियामकीय प्रावधानों को नजरअंदाज करते हुए ऑटोडायलर या रोबोकॉल का भी उपयोग कर रहे हैं। वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही (जनवरी से मार्च) के लिए ट्राई द्वारा एकत्रित आंकड़ों से पता चलता है कि देश में 85.3 फीसदी सबस्क्राइबर आइडेंटिटी मॉड्यूल यानी सिम कार्ड के जरिये सतन 10 से भी कम कॉल किए गए।

दूसरी ओर, महज 136 सिम के जरिये रोजाना 500 से 1,000 कॉल किए गए। अचंभित करने वाली बात यह है कि महज 4 सिम के जरिये एक 1,000 से अधिक कॉल या महीने के दौरान औसतन 30,000 से अधिक कॉल किए।

टेक्स्ट मैसेज के आंकड़े अधिक चौंकाने वाले हैं। इसके लिए 1.11 करोड़ सिम यानी दूरसंचार उपयोगकर्ता का 95 फीसदी हिस्सा ने चौथी तिमाही के दौरान रोजाना एक या इससे भी कम टेक्स्ट मैसेज भेजे। मगर 47,427 सिम कार्ड अथवा कुल उपयोगकर्ता का महज 0.004 फीसदी ने रोजाना 100 से अधिक टेक्स्ट मैसेज भेजे।

ट्राई ने अपने परामर्श पत्र में सुझाव दिया है कि ऑटोमेटेड कॉल के लिए उपयोगकर्ता की सहमति लेना अनिवार्य किया जाए। साथ ही वाणिज्यिक संचार के लिए ऑटो डायलर या रोबोकॉल के उपयोग के बारे में दूरसंचार कंपनियों को पहले से सूचित किया जाए।

First Published : September 3, 2024 | 9:04 PM IST