संयुक्त उद्यम साझेदार के तौर पर इजरायल की टावर सेमीकंडक्टर के साथ नेक्स्ट ऑर्बिट वेंचर्स के नेतृत्व में अंतरराष्टï्रीय सेमीकंडक्टर कंसोर्टियम आईएसएमसी ने मैसूरु के कोचनहल्ली औद्योगिक क्षेत्र में 150 एकड़ भूमि पर एक चिप विनिर्माण संयंत्र स्थापित करने के लिए 22,900 करोड़ रुपये (3 अरब डॉलर) के एक सहमति ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। प्रस्तावित 65 नैनोमीटर एनालॉग सेमीकंडक्टर फ्रैब्रिकेशन (फैब) संयंत्र में अगले सात साल के दौरान 1,500 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलने की उम्मीद है। यह भारत के सेमीकंडक्टर मिशन के तहत प्रोत्साहन के लिए आवेदन करने वाली तीन परियोजनाओं में शामिल है। आईएसएमसी के निदेशक और नेक्स्ट ऑर्बिट के संस्थापक एवं मैनेजिंग पार्टनर अजय जालान ने सुरजीत दास गुप्ता से बातचीत में विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की। पेश हैं मुख्य अंश:
एनालॉग फैब के विनिर्माण के लिए आपको कुल कितने वित्त पोषण की आवश्यकता है? आपने हाईटेक निवेश के लिए अबू धाबी में एक फंड जारी किया है। क्या आप सेमीकंडक्टर कारोबार के लिए पश्चिम एशिया में सॉवरिन फंड जैसे बड़े निवेशकों से बात कर रहे हैं?
यह परियोजना 3 अरब डॉलर के कुल निवेश से तैयार होगी। यह रकम तीन से चार वर्षों के दौरान परियोजना निष्पादन आवश्यकताओं के आधार पर जुटाई जाएगी। हमें वित्त, इक्विटी निवेशक, केंद्र एवं राज्य सरकारों से राजकोषीय मदद और बैंक एवं वित्तीय संस्थानों से ऋण की पूरी दृश्यता एवं प्रतिबद्धता है। हमारी रकम जुटाने की पूरी योजना बिल्कुल स्पष्टï और नियंत्रण में है। हम पश्चिम एशिया में मुबाडला जैसे सॉवरिन फंड से बात कर रहे हैं।
क्या टावर ने आपको इक्विटी निवेश और पुनर्खरीद के लिए आश्वस्त किया है?
टावर विस्तृत परियोजना रिपोर्ट चरण से पूरा समर्थन करने और परियोजना निष्पादन के लिए तकनीकी हस्तांतरण करने के लिए प्रतिबद्ध है। वह अपने ग्राहकों के लिए हमारी अतिरिक्त क्षमता का भी उपयोग करेगी। इसके अलावा वह परियोजना में उसकी इक्विटी हिस्सेदारी कुल परियोजना इक्विटी के आधार पर 10 से 15 फीसदी के बीच होगी। परियोजना अवधि के दौरान लाइसेंस शुल्क का भुगतान नकद, इक्विटी और रॉयल्टी के रूप में किया जाएगा।
इंटेल ने आपके प्रमुख साझेदार टावर का अधिग्रहण किया है। क्या इस परियोजना को उसका समर्थन जारी रहेगा?
इंटेल-टावर अधिग्रहण के कानूनी मामले में मैं टिप्पणी नहीं कर सकता। हालांकि भारत दुनिया में सबसे तेजी से उभरने वाला सेमीकंडक्टर उपभोग बाजार होगा जहां इस दशक के अंत तक घरेलू वार्षिक मांग 110 अरब डॉलर से अधिक होगी। हाल में इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने यह बात कही है। उन्होंने कहा कि भारत सेमीकंडक्टर कंपनियों के लिए एक बड़े पैमाने पर कैप्टिव उपभोग बाजार उपलब्ध कराएगा। यहां फिलहाल 24 अरब डॉलर की मांग है जो बढ़कर 2025 तक 80 अरब डॉलर और 2030 तक 110 अरब डॉलर से अधिक होगी।
आप पहले गुजरात में एक विनिर्माण संयंत्र स्थापित करने की योजना बना रहे थे। आपने इसे मैसूरु ले जाने का निर्णय क्यों लिया?
जल, बिजली, प्रतिभाओं तक पहुंच, प्रतिभाशाली इंजीनियरों के लिए जीवन की गुणवत्ता, कस्टमाइज्ड प्रोत्साहन, आगे बढ़कर निर्णय लेने वाले मुख्यमंत्री और उनकी टीम से प्रेरित होकर हमने यह निर्णय लिया।
एनालॉग चिप बाजार का आकार क्या है? आप भारत में कितने प्रतिशत बाजार को आपूर्ति करेंगे?
शुरुआती क्षमता भारत के बाजार की कुल जरूरतों का लगभग 15 से 20 फीसदी होगी। सबकुछ सुचारु होने के बाद हम क्षमता विस्तार करेंगे।