टाइटन कंपनी की योजना कैरटलाइन के 27.18 फीसदी शेयर अधिग्रहण के लिए आंशिक तौर पर कर्ज लेने की है। आभूषण क्षेत्र की दिग्गज की योजना अधिग्रहण की लागत का 50 फीसदी से ज्यादा कर्ज के जरिए पूरी करने की है, लेकिन इस पर अभी ठोस फैसला नहीं लिया गया है।
टाइटन कंपनी के मुख्य वित्त अधिकारी अशोक संथालिया ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, इस लेनदेन के लिए टाइटन कुछ कर्ज का इंतजाम करेगी। हमारी बैलेंस शीट बेहतर है और इसमें अच्छी खासी नकदी है, लेकिन हम चाहते हैं कि अधिग्रहण की लागत का कुछ हिस्सा कर्ज से पूरा किया जाए।
उन्होंने कहा, कंपनी अभी अंदाजा लगा रही है कि वह कितना कर्ज उठाएगी। अभी लगता है कि यह 50 फीसदी होगा, लेकिन आप अनुमान लगा सकते हैं कि यह 50 फीसदी से थोड़ा ज्यादा भी हो सकता है, लेकिन अभी यह तय नहीं है। यों कहें कि अभी ये आंकड़े बदल सकते हैं।
उन्होंने कहा कि कर्ज की ब्याज लागत टाइटन के लाभ-हानि खाते में जाएगी। संथालिया ने कहा, अभी इस पर काम हो रहा है कि कितना कर्ज हमें लेना चाहिए और कितना इस्तेमाल अपने नकद शेष से करना चाहिए। कंपनी को उम्मीद है कि नियामकीय मंजूरी अगले दो महीने में मिल जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि कर्मचारियों के पास बची बाकी 1.72 फीसदी हिस्सेदारी पर फैसला इस लेनदेन के पूरा होने पर किया जाएगा।
संथालिया ने कहा कि कैरटलाइन ने वित्त वर्ष 23 की समाप्ति 9 फीसदी एबिटा मार्जिन के साथ की और उनका मानना है कि इसमें और बढ़त की गुंजाइश है क्योंकि 70 से 80 फीसदी हीरे के आभूषण हैं।