प्रॉक्टर ऐंड गैम्बल हाइजीन ऐंड हेल्थ केयर (पीजीएचएचसी) का कहना है कि शहरी भारत लगातार वित्तीय चुनौतियों का सामना कर रहा है और कंपनी भविष्य के लिए सतर्कता के साथ आशावादी दृष्टिकोण अपना रही है। कंपनी ने गुरुवार को कहा कि अच्छे मॉनसून और गांवों में मजदूरी में वृद्धि के कारण ग्रामीण मांग सुधर रही है। लेकिन शहरी मांग में ऐसे रुझान नहीं दिख रहे हैं।
पीजीएचएचसी में मुख्य वित्तीय अधिकारी मृणालिनी श्रीनिवासन ने कॉन्फ्रेंस कॉल में निवेशकों से कहा, ‘हम सरकार और निजी निवेश की निरंतरता तथा कर संग्रह एवं विदेशी मुद्रा भंडार जैसे आर्थिक संकेतकों के मजबूत रहने से आगे के लिए सावधानी के साथ आशावादी दृष्टिकोण अपना रहे हैं। लेकिन वैश्विक व्यापार नीतियों पर नजर रखनी होगी, जिनका असर महंगाई और संभावित रूप से मांग पर पड़ेगा।’
उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था वैश्विक प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले लगातार तेजी से बढ़ रही है। लेकिन पिछले तीन वर्षों के औसत की तुलना में तेज गिरावट को भी स्वीकार करना होगा। इस वर्ष के लिए अनुमानित 6.5 प्रतिशत की वृद्धि के साथ भारत अभी भी पिछले 10 वर्षों के ट्रेंड के तहत अच्छी वृद्धि करेगा।
देश में महिला देखभाल श्रेणी के बारे में बात करते हुए पीएंडजी इंडिया के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी वी कुमार ने निवेशकों को बताया कि पिछले 30 वर्षों में इस कैटेगरी में 100 गुना वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा, ‘हाल के दिनों में नवाचार का हमारा इतिहास मजबूत रहा है, हम नए उपयोगकर्ताओं को आकर्षित करने और उन्हें मौजूदा और नए कार्यों को अधिक प्रभावी ढंग से निपटने में मदद करने के लिए अपनी प्रत्येक कैटेगरी में और पूरे पोर्टफोलियो में नवाचार विकसित करने में प्रयासरत रहते हैं।’