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प्रतिफल अब काफी कमजोर रहेगा : रामदेव अग्रवाल

Last Updated- December 12, 2022 | 10:33 AM IST

बीएस बातचीत
प्रख्यात निवेशक फिलिप फिशर ने एक बार कहा था, ‘किसी सामान्य शेयर को खरीदने से पहले यह सोचना उचित लगता है कि अतीत में उससे कितनी रकम सफलतापूर्वक हासिल की गई।’ मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज ने यह देखने के लिए एक-चौथाई सदी से संपत्ति सृजन अध्ययन किया है कि भारतीय शेयर बाजारों में पैसे कैसे कमाया गया। रिपोर्ट के 25वें संस्करण के अवसर पर, कंपनी के चेयरमैन रामदेव अग्रवाल ने विशाल छाबडिय़ा और सचिन मामबटा के साथ बातचीत में निवेश और महामारी से संबंधित अनिश्चितताओं के बारे में विस्तार से बताया। पेश हैं उनसे हुई बातचीत के मुख्य अंश:
संपत्ति सृजन अध्ययन लंबे समय से किए जा रहे हैं। अतीत को देखते हुए आप क्या संदेश देना चाहेंगे?
बाजार समय के साथ बदला है। वर्ष 1995 में हजारों कंपनियां थीं। रिपोर्ट की तारीख तक महज 100 कंपनियां ही सूचकांक को मात दे पाई हैं। इनमें कई औसत दर्जे की हैं। कई अभी भी अस्तित्व बचाए हुए हैं। लेकिन कुछ ने ही कमाई की है। प्रतिफल का दायरा 1995 और 2020 के बीच मार्च के अंत तक सूचकांक स्तर के आधार पर करीब 9 प्रतिशत रहा है।

सफल कंपनियों की सामान्य विशेषताएं क्या हैं?
तीन मानक हैं – व्यवसाय की गुावत्ता, जैसा कि पूंजी पर प्रतिफल से पता चलता है, आय में वृद्घि, और निरंतरता के जरिये दिखने वाली मजबूती। जब प्रबंधन की स्थिरता एवं निरंतरता अच्छी हो तो बाजार आपको अच्छा अवसर देता है।

कई आईपीओ अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। तरलता मुख्य कारक है, कुछ कह रहे हैं कि बुलबुले जैसी स्थिति पहले ही बन चुकी है। इस पर आपका क्या नजरिया है?
बेशक, तरलता एक मुख्य कारक है। बेहद स्पष्ट है कि लोग जल्दी पैसा कमाने के लिए ज्यादा सोच रहे हैं। वह यह नहीं जानते कि यह कैसे होगा। वे मौजूदा जोखिम और मूल्यांकन की परवाह किए बैर गति की सवारी करते है। आप 100 गुना या 200 गुना के अभिदान जैसे विचित्र उदाहरण देख सकते हैं।

क्या आप ताजा तेजी को देखते हुए मिड-कैप में समान झागदार स्थिति देख रहे हैं?
आईपीओ में मुझे और ज्यादा बुलबुले जैसी स्थिति दिख रही है। सेकंडरी बाजार में उतनी ज्यादा अनिश्चितता नहीं है।

मूल्यांकन पर आय का असर नहीं दिखा है, जिसे देखते हुए आप बाजार में किस तरह के हालात देख रहे हैं?
वैश्विक तौर पर, प्रतिफल घटकर 1 प्रतिशत रह गया है। सिर्फ सार्थक संपत्ति वर्ग ही इक्विटी है। आप सोने में पैसा नहीं लगा सकते, आप बॉन्डों में नहीं लगा सकते। 1 प्रतिशत पर, आपको क्या मिलता है? इससे लगता है कि आप नकदी पर बैठे हैं। इसलिए, तकनीकी तौर पर कुछ लोग कह रहे हैं कि अमेरिका में (जो 25-27 पीई मल्टीपल पर कारोबार कर रहा है) यह पीई बढ़कर 40-50 पर पहुंच सकता है। मैं यह नहीं कह रहा हूं। इस तरह की बातें हो रही हैं।

निर्गम पर आपकी क्या राय है?
मुझे जो जोखिम दिख रहा है, वह मुद्रास्फीति है। जिंस कीमतें हाल में चढ़ी हैं, इसलिए मुद्रास्फीति दरवाजे पर दस्तक दे सकती है और समस्या खड़ी कर सकती है। यदि मुद्रास्फीति बढ़ती है और केंद्रीय बैंक सख्ती बरतना शुरू करते हैं तो बॉन्ड प्रतिफल चढऩा शुरू हो सकता है। यह 2 प्रतिशत या 3 प्रतिशत तक जा सकता है।

ऐसे सेगमेंट कौन से हैं जिनमें संपत्ति सृजन की संभावना दिख रही है?
ऐसा एक क्षेत्र बीमा उद्योग है जो हमारे अध्ययन में शामिल नहीं है। हमने रिपोर्ट में इसके बारे में चर्चा की है। आप इस उद्योग में बड़े विजेता देखेंगे। यदि आप मुझसे किसी एक क्षेत्र में बहुत ज्यादा मात्रा में दांव लगाने के बारे में पूछेंगे तो मेरा जवाब होगा निजी बीमा क्षेत्र। दूसरा स्थान है इंटरनेट व्यवसाय। इनमें से कुछ ही सूचीबद्घ हैं, लेकिन कुछ बेहद बड़े बनकर उभरेंगे।

अल्पावधि में बाजार से किस तरह के प्रतिफल की उम्मीद है?
बाजार से प्रतिफल अब नरम रहेगा। मूल्यांकन 8,000 (निफ्टी-50 ) स्तरों पर कमजोर था। अब आगामी तेजी के लिए फंडामेंटल के समर्थन की जरूरत होगी।

कौन से क्षेत्र 2021 में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं?
वृद्घि-केंद्रित उपभोक्ता शेयरों का प्रदर्शन अच्छा रह सकता है। मेरा मानना है कि रिकवरी संबंधित शेयर अच्छा प्रदर्शन करेंगे। अब कोविड-19 घट रहा है, मेरा मानना है कि महामारी से प्रभावित सभी कंपनियां 2021 के अंत तक फिर से पटरी पर लौट सकती हैं।

First Published - December 23, 2020 | 11:45 PM IST

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