टाटा समूह की वित्तीय सेवा कंपनी टाटा कैपिटल अपने दो अरब डॉलर वाले मीडियम-टर्म नोट (एमटीएन) कार्यक्रम के तहत बाह्य वाणिज्यिक उधारी (ईसीबी) के जरिये 75 करोड़ डॉलर तक की राशि जुटाना चाह रही है। मामले के जानकार बैंकरों के अनुसार इस राशि का उपयोग ऋण देने और अन्य कारोबारी कामों में किया जाएगा।
रकम जुटाने की यह कवायद ऐसे समय में की जा रही है, जब कंपनी आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) की तैयारी कर रही है, जिसके सितंबर तक आने की उम्मीद है और यह शेयरधारकों की मंजूरी पर निर्भर है। दिसंबर में टाटा कैपिटल ने अंतरराष्ट्रीय बाजारों से 75 करोड़ डॉलर से अधिक की राशि जुटाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से मंजूरी मांगी थी। आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार उसकी सहायक कंपनी टाटा कैपिटल हाउसिंग फाइनैंस ने भी 20 करोड़ डॉलर की राशि जुटाने के लिए आवेदन किया है।
ब्लूमबर्ग के अनुसार एचएसबीसी और स्टैंडर्ड चार्टर्ड को निर्गम के लिए संयुक्त बुक रनर नियुक्त किया गया है। उम्मीद है कि टाटा कैपिटल अपने एमटीएन कार्यक्रम के तहत तीन साल की अवधि वाले डॉलर-डिनॉमिनेटेड सीनियर अनसिक्योर्ड बॉन्ड जल्द ही लाएगी, जो दिसंबर 2028 में परिपक्व होंगे। यह बाजार की स्थितियों पर निर्भर करेगा। इस तरह के नोट आम तौर पर पांच से 10 वर्षों के भीतर परिपक्व होते हैं लेकिन कंपनियों को 30 वर्षों तक की विस्तारित परिपक्वता के साथ रोलिंग आधार पर ऋण के लिए निवेशकों का लाभ उठाने की सुविधा देते हैं।
विदेशी पूंजी जुटाने के मामले में टाटा कैपिटल अकेली कंपनी नहीं है। रिलायंस इंडस्ट्रीज तीन अरब डॉलर के विदेशी ऋण के लिए बाजार में है जिसकी पेशकश मार्च के मध्य तक होनी है। इस बीच श्रीराम फाइनैंस आगे ऋण देने के लिए एक वाणिज्यिक बैंक से करीब 1.5 अरब डॉलर जुटा रही है। आरबीआई के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।
जनवरी में एसऐंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने टाटा कैपिटल लिमिटेड के प्रस्तावित डॉलर डिनॉमिनेटेड सीनियर अनसिक्योर्ड नोट को अपनी बीबीबी- फॉरेन करेंसी लॉन्ग-टर्म इश्यू रेटिंग दी थी।
फरवरी के आखिर में टाटा कैपिटल के निदेशक मंडल ने प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) और एक राइट्स इश्यू को मंजूरी दी थी। आईपीओ के बाद यह टाटा टेक्नोलजीज की नवंबर 2023 में सूचीबद्धता के बाद दो साल के भीतर शेयर बाजार में सूचीबद्धता वाली टाटा समूह की दूसरी कंपनी बन जाएगी। हालांकि कंपनी ने आईपीओ के आकार का खुलासा नहीं किया है, लेकिन बैंकिंग क्षेत्र के सूत्रों का अनुमान है कि इससे 1.5 अरब डॉलर से 1.7 अरब डॉलर तक की राशि जुटाई जा सकती है।
गैर-सूचीबद्ध कंपनी टाटा प्रोजेक्ट्स का निदेशक मंडल इक्विटी शेयरों के राइट्स इश्यू के जरिये रकम जुटाने के प्रस्ताव पर चर्चा के लिए गुरुवार को बैठक करेगा। कंपनी की विनियामकीय सूचना के अनुसार निदेशक मंडल कंपनी की अधिकृत शेयर पूंजी में इजाफे के लिए मंजूरी हासिल करेगा जिसके लिए वह शेयरधारकों की असाधारण आम बैठक बुलाने पर भी विचार करेगा। टाटा प्रोजेक्ट्स में टाटा संस की 57.31 प्रतिशत हिस्सेदारी है जबकि अन्य प्रमुख शेयरधारकों में टाटा पावर (30.81 प्रतिशत), टाटा केमिकल्स (6.16 प्रतिशत), वोल्टास (4.3 प्रतिशत) और टाटा इंडस्ट्रीज (1.42 प्रतिशत) शामिल हैं।