रिलायंस इंडस्ट्रीज की टेलीकॉम फर्म जियो इन्फोकॉम (Jio Infocomm) विदेशी बैंकों से करीब 2 अरब डॉलर जुटाने की कोशिश में है। इकनॉमिक टाइम्स (ET) की सोमवार की रिपोर्ट के मुताबिक, मुकेश अंबानी की कंपनी जियो इन्फोकॉम Ericsson का 5G नेटवर्क खरीदने के लिए फंड जुटा रही है। फंड जुटाने की यह प्रक्रिया BNP Paribas की अगुवाई में होगा यानी BNP Paribas इसमें lead arranger होगा।
रिपोर्ट के मुताबिक, BNP Paribas 9 महीने के भीतर जियो इन्फोकॉम को 1.9 से 2 अरब डॉलर तक का लोन मुहैया कराएगा और इसके बाद मुकेश अंबानी की कंपनी Ericsson, BNP और कुछ अन्य बैंकें, जिससे कंपनी लोन लेगी, पैसे की अदायगी करेगी। यह जानकारी ET को इस मामले के जानकार लोगों ने दी।
हालांकि, रिपोर्ट में इस बात का पता नहीं लग पाया कि लोन डील में मिली रकम में से कितना पैसा जियो इन्फोकॉम Ericsson, BNP और अन्य फर्मों को अदा करेगी। साथ ही यह भी पता नहीं चल पाया कि इसमें BNP का क्या रोल होगा, क्या यह कंसोर्टियम की तरफ से काम कर रहा है?
रिपोर्ट के मुताबिक, रकम जुटाना यानी फंडरेजिंग की प्रक्रिया डिस्काउंट के माध्यम से हो रही है और लोन पर कितना ब्याज लगेगा, यह नौ महीने की अवधि में निश्चित किया जाएगा।
रॉयटर्स की तरफ से संपर्क किए जाने पर BNP Paribas और Jio Infocomm ने इसके बारे में कोई जवाब नहीं दिया।
स्वीडन की टेलीकम्युनिकेशन फर्म Ericsson ने पिछले साल अक्टूबर में इस बात की जानकारी दी थी कि इसका 5G Radio Access Network (RAN) प्रोडक्ट्स और सॉल्यूशन्स जियो को दिया जाएगा, जो पूरे भारत में 5G नेटवर्क का विस्तार करेगी।
भारतीय समूह (Reliance) ने अपनी लेटेस्ट वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि Jio ने 5G योजना के लिए उपकरणों (equipment) और सर्विसेज की फंडिंग के लिए स्वीडिश निर्यात क्रेडिट एजेंसी EKN के साथ 2.2 अरब डॉलर की फंडिंग के लिए समझौता किया है।
ET ने एक अन्य सूत्र का हवाला देते हुए कहा, ‘EKN से 2.2 अरब डॉलर के मिलने से Jio की कुल 5G के विस्तार के लिए फंडिंग लागत कम हो जाएगी क्योंकि इतने बड़े सौदे में शामिल होने के लिए वैश्विक कर्जदाता और 5G उपकरण सप्लायर ज्यादा आकर्षित होंगे।’
Jio अपने 5G रोलआउट के फंडिंग में मदद के लिए लोन लेने पर बातचीत कर रही है, जिसमें नोकिया (Nokia) के साथ 1.7 अरब डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर करने की रिपोर्ट भी शामिल है।