टीसीएस के मुख्य परिचालन अधिकारी और कार्यकारी निदेशक एन गणपति सुब्रमण्यम ने एक साक्षात्कार में शिवानी शिंदे को बताया कि भर्तियों में कमी जैसी बाधाओं और सॉफ्टवेयर इंजीनियरों पर चैटजीटीपी और कोपायलट जैसी तकनीक के असर के बीच इस तिमाही में कौन सी बात अहम रही है। बातचीत के संपादित अंश…
तीसरी तिमाही में टीसीएस के पक्ष में कौन सी बात कारगर रही जिसके बलबूते इसने बेहतर आंकड़े दर्ज किए?
यह विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग है। ग्राहक बजट पर अपनी पकड़ बनाए हुए हैं और यूरोप में जिस तरह की स्थिति है उसमें काफी सतर्कता बरती जा रही है। दूसरी ओर, ब्रिटेन में हमारे ग्राहकों का आधार बहुत प्रगतिशील और काफी निर्णायक रहा है। यह निजी क्षेत्र और सरकारी क्षेत्र में भी है। यह हमारी ब्रिटेन की वृद्धि में दर्शाया गया है जिसमें सालाना आधार पर 15.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी थी। अमेरिका में भी ऐसा ही है। इस वक्त आर्थिक स्थितियों को देखते हुए लागत का संतुलन करने जैसी परिस्थिति भी बनी है। इसीलिए हम छंटनी जैसी स्थिति देख रहे हैं। यह तकनीकी बजट से संबंधित नहीं है। हमारे दृष्टिकोण से दो महत्वपूर्ण चीजें हुईं- सबसे पहले, विश्व स्तर पर एक वेंडरों का एकीकरण हो रहा है या अनुकूलन के प्रयास हो रहे हैं। इस क्षेत्र में हमारी व्यापक उपस्थिति और बड़े पैमाने पर सेवाओं की पेशकश के चलते हमारे खाते में ऐसे सौदे आएं हैं जिनकी वजह से हमारी बाजार हिस्सेदारी बढ़ी है।
क्लाउड में मांग कितनी अहम हैं?
आपको इसे अलग तरह से देखना होगा। यदि आप ग्राहकों के बजट को देखें तो यह कारोबार चलाने के लिए लगभग 60-65 प्रतिशत और बदलाव लाने के लिए यह बजट 30-35 प्रतिशत हो जाता है। पारंपरिक आईटी बजट ऐसा ही दिखेगा। प्रौद्योगिकी में बदलाव और नवाचार के कारण यह अनुपात बिल्कुल इसके उलट हो गया है।
क्या वृद्धि और संसाधनों के बेहतर इस्तेमाल से जुड़े सौदों का आकार भी कम हो गया है, कुछ साल पहले तो इनकी संख्या काफी ज्यादा थी?
हमारे पास विशेष रूप से वेंडर एकीकरण श्रेणी में भी बड़े सौदे हैं। इनकी अवधि 3 से 4 साल है। यह इसलिए भी हो रहा है क्योंकि ग्राहकों ने बहुत सारे विक्रेताओं को छोटे सौदे दिए और अब इससे लागत बढ़ रही है।
… तब क्या चौथी तिमाही में भी मजबूती बनी रहेगी?
चौथी तिमाही महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह अगले वित्तीय वर्ष की दर का अंदाजा देगी और इससे यह भी तय होगा कि हम दोहरे अंकों में वृद्धि दर्ज करेंगे या नहीं। हम जिन सौदों पर काम कर रहे हैं, उनमें कुछ बहुत दिलचस्प काम हैं।
कर्मचारियों की संख्या में कमी आश्चर्य की बात थी। टीसीएस ने कहा कि यह भी कंपनी के भीतर प्रतिभा आधार के बढ़ने से जुड़ा है। क्या यह टिकाऊ है?
कुल आईटी बाजार हिस्सेदारी केवल 4 प्रतिशत है, जिसका मतलब है कि नियुक्तियों के लिए बहुत गुंजाइश है। हमें उन्हें इस माहौल के लिए प्रशिक्षित करना होगा। टीसीएस में हमारे पास 125,000 ऐसे लोग हैं, जिनके पास 10 साल से अधिक का अनुभव है।