टाटा स्टील लिबिया में भंडार पाने को बेकरार

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 05, 2022 | 4:27 PM IST

इस्पात बनाने वाली दुनिया की छठी सबसे बड़ी कंपनी टाटा स्टील विस्तार योजनाओं के लिए अब दुनिया के हर कोने में दस्तक देने की तैयारी कर रही है। टाटा स्टील अपने विजन 2012 कार्यक्रम के तहत कंपनी के लिए कच्चे माल की लगातार आपूर्ति को सुनिश्चित करने में लगी है।
टाटा स्टील लीबिया में वेस्टर्न क्लस्टर लौह अयस्क भंडार पाने की होड़ में लगी है। पहले यह दक्षिण अफ्रीका की डेल्टा माइनिंग कंसोलिटेड को आवंटित कर दी गई थी। टाटा स्टील के समूह निदेशक (वैश्विक खनिज) अरुण बैजल ने बताया कि समिति ने अंतिम सूची में डेल्टा माइनिंग कंसोलिडेटेड को ही रखा था। अब यह तय किया गया है कि अंतिम सूची में जगह बनाने वाली कंपनियां भी इस परियोजना में शामिल होंगी। इस सूची में टाटा स्टील के अलावा सिनोस्टील भी  शामिल है। यह परियोजना कई मंत्रालयों और विभागों की देखरेख मे आगे बढ़ाई जा रही है। एक अंतर मंत्रीय (खनिज तकनीकी समिति इंटर-मिनिस्टेरियल मिनरल टेकि्कल कमिटी, आईएमएमटीसी) खनिज तकनीकी समिति इसके पर्यवेक्षण का काम करेगी। इस समिति का नेतृत्व भूमि,खान एंव बिजली मंत्रालय करेगा। इसमें कानून, योजना एवं आर्थिक मामलों, श्रम, न्याय मंत्रालयों और राष्ट्रीय निवेश आयोग के साथ-साथ सेंट्रल बैंक भी शामिल होंगे। लिबिया की सरकार ने समिति की सिफारिश पर परियोजना की अंतरिम राशि को जनवरी में ही तय कर दिया था।
इस परियोजना में उत्खनन के अलावा एक पेलेट बनाने का संयंत्र, सड़क, रेल, बिजली, पानी और पत्तनों के विकास का काम भी करना है। बैजल का मानना है कि अभी भी परियोजना को पाने की दौड़ में कंपनी का दावा काफी मजबूत है। लगभग 207.58 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फै ले वेस्टर्न क्लस्टर लौह अयस्क के भंडार के लिए लगभग 64 अरब रुपये का निवेश किया जाना है। इन भंडारों  में मैनो रिवर लौह अयस्क भंडार, बोमी पर्वतमाला के पश्चिमी हिस्से के भंडार और पहाड़ी लौह अयस्क के भंडार शामिल हैं।
टाटा स्टील वेस्टर्न क्लस्टर के अलावा मिलेनियम लौह अयस्क शृंखला पर भी नजरें टिकाए हुए है। मिलेनियम लौह अयस्क शृंखला पर कनाडा की न्यू मिलेनियम कैपिटल कॉर्प (एनएमएल) का मालिकाना हक है। मिलेनियम लौह अयस्क शृंखला उन बड़े भंडारों में से एक है जहां से उत्खनन का काम शुरू होना बाकी है। टाटा स्टील पिछले एक साल से इस इस बारे मे सोच रही है। इस शृंखला में केमैग लौह अयस्क परियोजना में कनाडा की कंपनी का पूरा मालिकाना हक है जबकि लैमबैग परियोजना में कनाडा की कंपनी की 80 फीसदी हिस्सेदारी है। इस शृंखला में तकरीबन 3.7 अरब टन का भंडार है।
इस मामले में जल्द ही कोई घोषणा हो सकती है। टाटा स्टील अपने विजन 2012 कार्यक्रम के तहत कच्चे माल की तेज गति से आपूर्ति को सुनिश्चित करने मे लगी है। विजन 2012 में टाटा का लक्ष्य 50 फीसदी कच्चे माल का आपूर्ति सुनिश्चित करना है। अभी यह आंकड़ा 20 फीसदी के आसपास है। इसके जरिये समूह अपनी दोनों कंपनियों टाटा स्टील दक्षिण पूर्व एशिया और कोरस द्वारा अपने लाभ को दोगुना करना चाहती है।
बैजल कहते हैं कि इस लक्ष्य के आधे को कच्चे माल की सुनिश्चिता तय करके पूरा किया जा सकता है। पिछले साल टाटा ने आइवरी कोस्ट में सोडेमी के साथ संयुक्त उपक्रम लगाने का करार किया है। इसमें माउंट निंबा लौह अयस्क भंडार से उत्खनन का काम किया जाना है। वहीं ऑस्ट्रेलिया की रिवरसेड माइनिंग के साथ मोजांबिक में कोकिंग कोयले और तापीय कोयले के विकास के लिए हाथ मिलाया है।      

First Published : March 5, 2008 | 7:15 PM IST