टाटा संस नुकसान में चल रही विमानन कंपनी एयर एशिया इंडिया लिमिटेड में मलेशियाई कंपनी एयर एशिया बरहाद की हिस्सेदारी बेहद सस्ते में खरीदने की बात कर रही है। कोविड-19 महामारी के कारण दुनिया भर में विमानन कंपनियों की हैसियत एकदम घट गई है। टाटा इस मौके का फायदा उठाकर सस्ते में हिस्सेदारी लेना चाहती है। एयर एशिया इंडिया टाटा संस और एयर एशिया बरहाद के साझे उपक्रम वाली कंपनी है, जिसमें 51 फीसदी हिस्सेदारी टाटा और 49 फीसदी मलेशियाई कंपनी के पास है।
दोनों कंपनियों के समझौते के मुताबिक हिस्सेदारी खरीदने का मौका टाटा संस को ही दिया जाएगा और उसके मना करने पर ही किसी और कंपनी से बात की जाएगी। बैंकिंग सूत्रों ने बताया कि टाटा समूह एयर एशिया बरहाद की 49 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के लिए दूसरे वित्तीय साझेदार भी तलाश सकती है। हालांकि हिस्सेदारी के सौदे पर किसी भी तरह की बातचीत के बारे में सवालों भरे ई-मेल का दोनों में से किसी भी कंपनी ने जवाब नहीं दिया। अलबत्ता टाटा समूह के एक सूत्र ने कहा, ‘कुछ महीने पहले तक एयर एशिया के सीईओ टोनी फर्नांडिस अपनी शर्तों पर सौदा करना चाहते थे और एयर एशिया इंडिया में हिस्सेदारी के लिए बड़ा दाम मांग रहे थे। मगर अब हालात बदल चुके हैं और एयर एशिया बरहाद का हाथ तंग हो गया है। टाटा समूह को भी कोई जल्दी नहीं है।’
एयर एशिया बरहाद वाकई मुश्किल में है। उसकी ऑडिटर ईऐंडवाई ने कल कहा था कि महामारी से पहले ही इस कंपनी पर उसकी कुल संपत्तियों से 43 करोड़ डॉलर ज्यादा देनदारी हो गई थी। कोविड-19 महामारी की वजह से दुनिया भर की विमानन कंपनियों की हैसियत 50-60 फीसदी घट गई है।
ईऐंडवाई की चेतावनी के बाद बुधवार को कुआलालांपुर स्टॉक एक्सचेंज पर एयर एशिया बरहाद का शेयर 17 फीसदी लुढ़क गया। ईऐंडवाई ने कहा, ‘मंदी और एयर एशिया बरहद की खस्ता हालत ने बड़ी फिक्र पैदा कर दी है। अब कंपनी के चलते रहने पर भी सवाल खड़ा हो सकता है।’
मलेशिया की इस कंपनी को इसी मार्च में खत्म तिमाही में 18.8 करोड़ डॉलर का नुकसान हुआ था और एयर एशिया इंडिया को 330 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। एयर एशिया की आय 928 करोड़ रुपये रही थी। हालांकि पिछले साल मार्च में खत्म तिमाही में उसे 631 करोड़ रुपये के राजस्व पर केवल 147 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। एयर एशिया को मलेशिया में पैदा दिक्कतों की वजह से भारत छोडऩा पड़ सकता है और टाटा संस उसका अधिग्रहण कर प्रतिस्पद्र्घा रोधी समझौते से पीछा छुड़ा सकती है। टोनी के खिलाफ भारत में वित्तीय अनियमितता संबंधी जांच भी चल रही है। उन पर धन शोधन का आरोप है। मगर एयर एशिया बरहाद ने आरोपों से इनकार किया है।
