तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की उपस्थिति में टाटा मोटर्स ने राज्य में वाहन विनिर्माण सुविधा स्थापित करने के लिए तमिलनाडु सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए | फोटो: X@@TRBRajaa
टाटा समूह तमिलनाडु के रानीपेट में वाहन बनाने का नया कारखाना लगाने जा रहा है। इस संयंत्र पर समूह 9,000 करोड़ रुपये निवेश करेगा। वाणिज्यिक एवं यात्री वाहन बनाने वाला टाटा समूह देश के दक्षिणी हिस्से में अपना कारोबार बढ़ाना चाहता है और इसी मकसद से वह यह रकम लगाने जा रहा है।
माना जा रहा है कि समूह के इस निवेश से अगले पांच साल में तमिलनाडु में रोजगार के 5,000 से अधिक अवसर आएंगे। तमिलनाडु सरकार अपने बयान में कहा, ‘टाटा समूह का कारखाना वेल्लूर के निकट रानीपेट जिले में स्थापित होगा। कारखाना तैयार करने पर 9,000 करोड़ रुपये निवेश किए जाएंगे, जिससे अगले पांच साल में रोजगार के 5,000 से अधिक अवसर पैदा होंगे।’
दक्षिण भारत की बात करें तो टाटा समूह का कारखाना कर्नाटक के धारवाड़ जिले में पहले ही है। जमशेदपुर (झारखंड), पुणे (महाराष्ट्र), लखनऊ (उत्तर प्रदेश), पंतनगर (उत्तराखंड) और साणंद (गुजरात) में भी कंपनी के कारखाने हैं। टाटा मोटर्स ने आज बयान में कहा कि उसने एक वाहन कारखाना लगाने के लिए तमिलनाडु सरकार के साथ समझौते के एक मसौदे पर दस्तखत किए हैं।
तमिलनाडु के उद्योग मंत्री टी आर बी राजा ने कहा, ‘पिछले दो साल में तमिलनाडु ने खासी प्रगति की है और इसे निवेश का अग्रणी ठिकाना माना जाने लगा है। राज्य में न केवल कारखाने लग रहे हैं बल्कि लोगों के सपने भी साकार हो रहे हैं। राज्य उज्ज्वल भविष्य की ओर तेजी से बढ़ रहा है।’ टाटा मोटर्स ने कहा कि समझौते के मसौदे पर हस्ताक्षर होने के बाद राज्य में निवेश को बढ़ावा देने वाली अधिकृत एजेंसी गाइडेंस की टीम और टाटा मोटर्स समूह कारखाना लगाने की दिशा में मिलकर काम करेंगे।
इससे पहले वियतनाम की इलेक्ट्रिक वाहन बनाने वाली कंपनी विनफास्ट तमिलनाडु के तूतुकुड़ी में 16,000 करोड़ रुपये में इलेक्ट्रिक वाहन कारखाना लगाने का ऐलान कर चुकी है। विनफास्ट वैश्विक बाजार में टेस्ला की प्रतिस्पर्धी मानी जाती है। तूतुकुड़ी परियोजना में सालाना 1.50 लाख इलेक्ट्रिक वाहन तैयार किए जा सकेंगे। पहले चरण में विनफास्ट 4,000 करोड़ रुपये निवेश कर सकती है और इससे रोजगार के 10,000 अवसर पैदा होंगे।
राज्य सरकार ने कहा कि तमिलनाडु में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए टाटा मोटर्स के साथ हुआ समझौता काफी अहम है।