चेन्नई से करीब 40 किलोमीटर दूर श्रीपेरम्बदुर में सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स (Samsung Electronics) की विनिर्माण इकाई के कुल 1,700 कर्मचारियों में से तकरीबन 85 प्रतिशत ने मंगलवार को दूसरे दिन भी अपनी हड़ताल जारी रखी। इससे इकाई का परिचालन प्रभावित हुआ। कर्मचारियों की मांगों में वेतन बढ़ोतरी और संयंत्र में कर्मचारी संघ को काम करने देने की स्वतंत्रता शामिल है।
इस इकाई में टेलीविजन, कलर मॉनिटर, रेफ्रिजरेटर और वॉशिंग मशीन का विनिर्माण किया जाता है। कांचीपुरम जिले के सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस (सीटू) के नेता और सैमसंग इंडिया वर्कर्स यूनियन (एसआईडब्ल्यूयू) के अध्यक्ष ई मुथुकुमार के अनुसार करीब 85 प्रतिशत कर्मचारी हड़ताल में शामिल हैं। सैमसंग इंडिया के प्रवक्ता ने बयान में कहा कि कर्मचारियों का कल्याण उनकी सबसे बड़ी प्राथमिकता है।
दिलचस्प यह है कि जुलाई में ही श्रीपेरम्बदुर के निकट सुंगुवरचत्रम में दक्षिण कोरिया की इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र की इस दिग्गज कंपनी के कारखाने में सीटू के समर्थन से एसआईडब्ल्यूयू का गठन किया गया था। यूनियन ने उस समय दक्षिण कोरिया के सोल में हड़ताल कर रहे सैमसंग के 30,000 कर्मचारियों के साथ एकजुटता भी दिखाई थी।
मुथुकुमार ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘हम चाहते हैं कि औसत वेतन 25,000 रुपये से बढ़कर 36,000 रुपये हो। इसके अलावा कर्मचारियों के काम करने का समय कारखाना अधिनियम के अनुसार आठ घंटे होना चाहिए और उन्हें 11 घंटे काम करने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए, जब तक कि कर्मचारी सहमति से अतिरिक्त समय न दे रहे हों।’
सैमसंग इंडिया के प्रवक्ता ने कहा, ‘सैमसंग इंडिया में कर्मचारियों का कल्याण हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। कर्मचरियों को काई शिकायत हो, तो हम अपने कर्मचारियों की शिकायतों को दूर करने के लिए सक्रिय रूप से उनके साथ जुड़ते हैं और सभी कानूनों और नियमों का पालन करते हैं। हम यह भी सुनिश्चित करेंगे कि हमारे उपभोक्ताओं को कोई व्यवधान न हो।’
वर्तमान में कंपनी की भारत में दो विनिर्माण इकाइयां हैं – नोएडा और श्रीपेरम्बदुर में। मीडिया की खबरों के अनुसार श्रीपेरम्बदुर संयंत्र देश में सैमसंग के 12 अरब डॉलर के वार्षिक राजस्व में करीब 20 से 30 प्रतिशत का योगदान देता है।