श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनैंस कॉरपोरेशन ने सोमवार को कहा कि कंपनी श्रीराम सिटी यूनियन फाइनैंस के साथ विलय की योजना पर दोबारा नजर डाल रही है और यह शायद अनिवार्य रूप से तीन स्तरीय विलय नहीं होगा, जिसकी योजना शुरू में बनी थी। श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनैंस के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी उमेश रेवांकर ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, हम इस पर अभी भी विचार कर रहे हैं। हम देख रहे हैं कि क्या हमें विलय से फायदा मिलेगा। अगर हमें फायदा मिलेगा तो हम निश्चित तौर पर इस पर नजर डालेंगे।
शुरुआती योजना तीन स्तरीय विलय की थी, जिसमें असूचीबद्ध श्रीराम कैपिटल (जिसमें अरबपति अजय पीरामल और प्राइवेट इक्विटी फर्म टीपीजी कैपिटल निवेशक है), सूचीबद्ध श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनैंस और श्रीराम सिटी यूनियन फाइनैंस का विलय होना था। रेवांकर ने कहा, पिछले दो वर्षों से हम महामारी से जूझ रहे हैं और उससे पहले आईएलऐंडएफएस का संकट था। ऐसे में हम इस पर वास्तव मेंं चर्चा नहीं कर पाए। रेवांकर ने कहा कि इस योजना पर निदेशक मंडल मेंं चर्चा होनी अभी बाकी है।
उन्होंने कहा, सबसे पहले हमें निदेशक मंडल की मंजूरी लेनी होगी। अभी कुछ भी फाइनल नहीं हुआ है। यह तीन स्तरीय विलय शायद नहीं होगा। श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनैंस मुख्य रूप से वाहनों के वित्त पोषण आदि से जुड़ी है।