गूगल स्ट्रीट व्यू से देखिए गलियों, इमारतों का कोना-कोना

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 5:15 PM IST

अभी तक अनजान शहरों और मुहल्लों में अपने ठिकाने तक पहुंचने में गूगल मैप्स आपकी मदद कर ही रहा था। अब आप इस पर शहरों की खास इमारतों और गलियों के कोने-कोने तक देख सकेंगे। भारत में गूगल मैप्स की स्ट्रीट व्यू सेवा शुरू हो रही है, जिसमें टेक महिंद्रा और जेनेसिस इंटरनैशनल उसके साथ हैं। दुनिया में यह पहला मौका है, जब स्थानीय साझेदारों के साथ मिलकर स्ट्रीट व्यू पेश किया जा रहा है।
गूगल मैप्स के स्ट्रीट व्यू को पहले कई नियामकीय अड़चनों का सामना करना पड़ा है और इसी वजह से इसे भारत में शुरू नहीं किया जा सका था। स्ट्रीट व्यू के जरिये गलियों, पर्यटन स्थलों और प्रमुख स्थानों का 360 डिग्री पैनरमा व्यू देखा जा सकता है।
स्ट्रीट व्यू गूगल मैप्स पर उपलब्ध होगा। नई तस्वीरें स्थानीय साझेदारों से लाइसेंस पर हासिल की गई हैं। इसके दायरे में भारत के 10 शहरों का 1.5 लाख किलोमीटर क्षेत्र आता है। ये शहर बेंगलूरु, चेन्नई, दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, पुणे, नासिक, वडोदरा, अहमदनगर और अमृतसर हैं। गूगल, जेनेसिस इंटरनैशनल और टेक महिंद्रा ने 2022 के अंत तक 50 से अधिक शहरों में स्ट्रीट व्यू का विस्तार करने की योजना बनाई है।
भू-स्थानिक दिशानिर्देशों में बदलाव की बदौलत ही स्ट्रीट व्यू को शुरू करना मुमकिन हुआ है। फरवरी 2022 में विज्ञान एवं तकनीक विभाग ने भू-स्थानिक डेटा के लिए दिशानिर्देश जारी किए थे ताकि मैपिंग तकनीक मुहैया कराने वाली देसी कंपनियों को बढ़ावा दिया जा सके। यह नीति विदेशी कंपनियों को 1 मीटर से अधिक सटीक जानकारी नहीं देने देती और ऐसी कंपनियों के लिए अधिकृत घरेलू लाइसेंसधारकों के एपीआई के इस्तेमाल को अनिवार्य बनाती है।
गूगल मैप्स की उपाध्यक्ष मिरियम डेनियल ने कहा कि नए दिशानिर्देशों से गूगल को स्थानीय कंपनियों के साथ साझेदारी के जरिये भू-स्थानिक तस्वीरें एकत्रित और इस्तेमाल करने की मंजूरी मिल गई है। डेनियल ने कहा, ‘यह नीति बहुत स्पष्ट है। यह बताती है कि कौन डेटा संग्रह कर सकता है, कितनी सटीकता के साथ डेटा संग्रह किया जा सकता है, वे इसे किनके साथ साझा कर सकते हैं या लाइसेंस दे सकते हैं और इसका क्या इस्तेमाल किया जा सकता है। इन सभी चीजों का स्पष्ट उल्लेख किया गया है।’
उन्होंने कहा कि नई नीति के जरिये सुरक्षा चिंताओं का भी समाधान हो गया है। उन्होंने कहा, ‘इसमें बताया गया है कि आप किन क्षेत्रों में डेटा संग्रह कर सकते हैं, सार्वजनिक क्षेत्र में कौन से क्षेत्र सरकारी क्षेत्र या विभिन्न सैन्य क्षेत्र जैसे प्रतिबंधित या निषिद्ध हैं।’नया फीचर शुरुआत में 10 शहरों में होगा। इसका दायरा इस साल के अंत तक बढ़ाकर 50 तक किया जाएगा। टेक महिंद्रा और जेनेसिस द्वारा संग्रहीत आंकड़ों से गूगल मैप्स को सड़क की स्थिति, बुनियादी ढांचे की योजना को ऑनलाइन मौजूदगी मुहैया कराने में मदद मिलेगी।
गूगल के साथ अपने लाइसेंस करार के तहत जेनेसिस और टेक महिंद्रा को भारतीय गलियों की तस्वीरें और नक्शे लेने के लिए बुनियादी ढांचा मिलेगा। टेक महिंद्रा ने महिंद्रा ऐंड महिंद्रा के साथ उनकी कारों और ई-रिक्शा के लिए साझेदारी की है। इन वाहनों पर कैमरे लगे होंगे और इन्हें डेटा संग्रहीत करने के लिए गलियों में चलाया जाएगा।
मैपमाईइंडिया का 360 डिग्री स्ट्रीट व्यू
मैपमाईइंडिया ने भी अपने 360 डिग्री पैनोरमा स्ट्रीट व्यू शुरू करने की घोषणा की है, जिसका नाम मैप्ल्स रियलव्यू रखा गया है। यह सेवा मैपमाईइंडिया के उपभोक्ता मैपिंग पोर्टल मैप्ल्स ऑन दी वेब और ऐंडॉयड और आईओस पर मैप्ल्स ऐप पर उपलब्ध होगी। कंपनी ने कहा कि मैप्ल्स रियलव्यू में मुंबई, बेंगलूरु, दिल्ली-एनसीआर, गोवा, पुणे, हैदराबाद, जयपुर, अहमदाबाद, गांधीनगर, चंडीगढ़, जोधपुर, पटना, नासिक, औरंगाबाद, अजमेर जैसे महानगर एवं शहर और सैकड़ों कस्बे तथा इन्हें जोड़ने वाले राजमार्ग कवर होंगे।

First Published : July 28, 2022 | 12:44 AM IST