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महाराष्ट्र में रबी फसलों की बोआई धीमी, अब तक सिर्फ 9.14 लाख हेक्टेयर में हुई खेती; किसान चिंतित

राज्य में इस वर्ष रबी फसलों की बोआई सिर्फ 9.14 लाख हेक्टेयर तक पहुंची है, जो पिछले साल की तुलना में लगभग 40 फीसदी कम है

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सुशील मिश्र   
Last Updated- November 13, 2025 | 7:45 PM IST

बेमौसम बारिश और खरीफ फसलों की कटाई में हो रही देरी के कारण महाराष्ट्र में रबी सीजन की फसलों की बोआई की गति काफी धीमी है। राज्य में इस वर्ष रबी फसलों की बोआई 9.14 लाख हेक्टेयर तक पहुंची है, जो पिछले साल की तुलना में लगभग 40 फीसदी कम है। सामान्य परिस्थितियों में राज्य में रबी फसलों का औसत रकबा करीब 57.8 लाख हेक्टेयर रहता है।

महाराष्ट्र कृषि विभाग के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, 10 नवंबर तक राज्य में रबी फसलों का कुल रकबा 9.15 लाख हेक्टेयर रहा, जो पिछले साल की समान अवधि के 15.34 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 6.19 लाख हेक्टेयर यानी 40.35 फीसदी कम है। राज्य में रबी सीजन के दौरान फसलों का औसत रकबा 57.8 लाख हेक्टेयर होता है, जिसमें से इस साल अब तक करीब 16 फीसदी हिस्से में बोआई हुई है, जबकि पिछले साल इस समय तक 27 फीसदी क्षेत्र में फसलों की बोआई पूरी हो चुकी थी।

गेहूं, ज्वार, मक्का और चना की बोआई में भारी गिरावट

राज्य में लगभग सभी प्रमुख फसलों की बोआई पिछले साल की तुलना में पीछे चल रही है, जिनमें गेहूं, ज्वार, मक्का और चना शामिल हैं। तिलहनों के रकबे में भी गिरावट दर्ज की गई है।

चालू रबी सीजन में गेहूं और मोटे अनाजों का कुल रकबा 5.56 लाख हेक्टेयर तक पहुंचा है, जबकि पिछले साल इस समय यह 9.18 लाख हेक्टेयर था। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल 10 नवंबर तक राज्य में गेहूं की बोआई 78.89 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में हुई थी, जबकि इस साल यह घटकर केवल 42 हजार हेक्टेयर रह गई है।

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ज्वार का बोआई क्षेत्र 7.36 लाख हेक्टेयर से घटकर 4.22 लाख हेक्टेयर हो गया है, वहीं मक्का का रकबा 1.02 लाख हेक्टेयर से फिसलकर 92 हजार हेक्टेयर पर सिमट गया है।

दलहन फसलों का कुल रकबा 3.54 लाख हेक्टेयर ही पहुंच सका है, जबकि पिछले साल इस समय यह 6.03 लाख हेक्टेयर था। रबी सीजन की प्रमुख दलहन फसल चना की बोआई इस बार केवल 3.44 लाख हेक्टेयर में हुई है, जो पिछले साल के 5.88 लाख हेक्टेयर की तुलना में काफी कम है। महाराष्ट्र देश के अग्रणी चना उत्पादक राज्यों में शामिल है। अन्य दलहनों का रकबा भी पिछले साल के 15 हजार हेक्टेयर से घटकर 10 हजार हेक्टेयर पर आ गया है।

तिलहनों की बोआई भी सुस्त, सरकार ने दी राहत राशि

पिछले साल 10 नवंबर तक महाराष्ट्र में 13 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में तिलहन फसलों की बोआई हुई थी, जबकि इस बार यह घटकर सिर्फ 5 हजार हेक्टेयर रह गई है। राज्य में सूरजमुखी और तिल जैसी तिलहन फसलों की बोआई शुरू तो हो गई है, लेकिन इसकी रफ्तार अभी बहुत धीमी है।

कृषि विभाग के अधिकारियों को उम्मीद है कि अगले कुछ सप्ताहों में रबी फसलों की बोआई की गति तेज होगी। दरअसल, राज्य के कई इलाकों में हाल की भारी बारिश और बाढ़ के कारण खेतों में नमी अधिक है, जिससे बोआई धीमी चल रही है। विभाग का मानना है कि मौसम सुधरने के साथ बोआई की रफ्तार बढ़ेगी।

गौरतलब है कि हाल ही में महाराष्ट्र सरकार ने रबी सीजन में बोआई कार्यों को बढ़ावा देने के लिए कुल 7,485 करोड़ रुपये की सहायता राशि मंजूर की है। इसमें मराठवाड़ा को सबसे ज्यादा 4,486 करोड़ रुपये, विदर्भ को 2,544 करोड़ रुपये, पुणे डिवीजन को 785 करोड़ रुपये और कोंकण डिवीजन को 29.68 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

First Published : November 13, 2025 | 7:44 PM IST