आयकर विभाग ने देश की सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनी दिल्ली लीज एंड फाइनैंस लिमिटेड (डीएलएफ) के खातों की दोबारा जांच करने के आदेश दिए हैं।
इस दिग्गज कंपनी पर आरोप है कि कंपनी ने अपनी आमदनी और मुनाफे को बताने में हेरफेर किया है। डीएलएफ को लेकर उठाए गए कदम के बारे में आज लोक सभा में वित्त राज्य मंत्री एस.एस. पलानिमणिक्कम ने जानकारी दी। दूसरी ओर, डीएलएफ के प्रवक्ता का कहना है कि यह सामान्य ऑडिट ही है।
लोक सभा में निवेदिता माने और एकनाथ गायकवाड़ के सवाल के लिखित जवाब में वित्त राज्य मंत्री ने बताया कि कंपनी का विशेष ऑडिट 2006-07 की अवधि के दौरान आयकर अधिनियम की धारा 142 (दो-ए) के तहत किया जाएगा।
वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि डीएलएफ के मामले में 31 दिसंबर 2008 को ऑडिट रिपोर्ट मिल चुकी है और इस पर आवश्यक कार्रवाई के लिए जरूरी जांच चल रही है।
सरकार ने इस बात को माना कि इस खेल में डीएलएफ के अलावा और भी कई कंपनियां शामिल हैं। पलानीमणिक्कम ने कहा कि कई दूसरी रियल एस्टेट कंपनियों ने अपनी आमदनी और मुनाफे के बारे में आयकर विभाग को गुमराह किया है।
उन्होंने कहा कि इसके बारे में ज्यादा जानकारियां जुटाई जा रही हैं और जल्द ही उन्हें सदन के पटल पर रखा जाएगा। दूसरी ओर, मूलरूप से गुड़गांव की इस कंपनी के प्रवक्ता ने इस पूरे मसले पर यह कहा, ‘यह सही है कि विशेष ऑडिट किया गया, लेकिन यह सामान्य प्रक्रिया की तरह था। विभाग को कंपनी के खिलाफ कुछ भी नहीं मिला है। इस बात को इस तरह न लिया जाए कि कंपनी के खिलाफ कोई कदम उठाया जा रहा है।’
इससे पहले डीएलएफ के उपाध्यक्ष राजीव सिंह ने भी तकरीबन एक महीने पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिये इस विशेष ऑडिट को सामान्य बात बताया था और कहा था कि इसके बिना पर आयकर विभाग, कंपनी के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाने जा रहा। उन्होंने कहा था कि खातों में कुछ भी गलत नहीं पाया गया।
निशाने पर दिग्गज
आयकर विभाग करेगा खातों का विशेष ऑडिट
आयकर की धारा 142-2 ए के तहत है मामला
कंपनी ने बताया सामान्य ऑडिट
दूसरी कई और कंपनियां भी हैं निशाने पर
