फर्जीवाड़े में फंसी सत्यम कंप्यूटर्स को खरीदने में जहां एक ओर कंपनियां दिलचस्पी दिखा रही हैं, वहीं दूसरी ओर सत्यम के कर्मचारी कंपनी और खुद के भविष्य को लेकर असमंजस की स्थिति में हैं।
कुछ का मानना है कि सत्यम के बिकने के बाद इसकी खोई हुई प्रतिष्ठा नए कर्णधार के हाथों फिर से कायम हो सकती है, वहीं कुछ का कहना है कि नई कंपनी के हाथों में कमान आने से स्थिति और विकट हो सकती है।
प्रबंधन की ओर से भले ही यह कहा जा रहा हो कि नई कमान के आने के बाद भी मौजूदा कर्मचारियों की छंटनी नहीं होगी, लेकिन सत्यम कर्मियों को उनकी बातों पर पूरा यकीन नहीं हो रहा है। यही वजह है कि वे बेहतर अवसर की तलाश में जुटे हैं।
हालांकि सत्यम के सीईओ ए.एस. मूर्ति ने कर्मियों को आश्वस्त किया है कि किसी भी कर्मचारी की छंटनी अगले छह माह तक नहीं की जाएगी।
सत्यम के एक कर्मचारी का कहना है कि यहां काम करने वालों के बीच इस बात को लेकर खूब चर्चा हो रही है कि प्रबंधन की ओर से छंटनी की सूची बनाई जा रही है, जबकि आए दिन इस बात की अफवाह भी होती है कि फलां ने कंपनी से इस्तीफा दे दिया है।
कुछ लोगों ने तो सत्यम की ग्राहक कंपनियों में नौकरी ज्वाइन कर ली है। उदाहरण के तौर पर कुछ सत्यम बैंक ऑफ अमेरिका की एक परियोजना पर काम कर रही थी। वहां अब सत्यम के कुछ कर्मचारी काम कर रहे हैं। बैंक ऑफ अमेरिका ज्वाइन करने वाले सत्यम के कर्मियों को 15 फीसदी वेतन वृद्धि पर रखा गया है।
