वैश्विक स्तर पर अपने गठजोड़ को नया रूप देने के करीब एक सप्ताह बाद रेनो निसान ने दो इलेक्ट्रिक वाहनों सहित छह मॉडल लाने के लिए भारतीय बाजार में लगभग 5,300 करोड़ रुपये का निवेश करने की आज घोषणा की।
अपनी बाजार हिस्सेदारी में इजाफा करने की कोशिश के तहत कंपनियों ने भारत के लिए नए दीर्घकालिक नजरिये, उत्पादन और अनुसंधान और विकास गतिविधियों को बढ़ाने, इलेक्ट्रिक वाहन पेश करने तथा कार्बन-तटस्थ विनिर्माण ( carbon-neutral manufacturing) की दिशा में बढ़ने की घोषणा की है। चेन्नई में अपने केंद्र से कंपनियां घरेलू और अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों के लिए छह नए वाहनों के संबंध में सहयोग करेंगी, जिनमें पूरी तरह से इलेक्ट्रिक दो नए वाहन शामिल हैं। इससे Renault-Nissan का यह केंद्र अंतरराष्ट्रीय निर्यात केंद्र के रूप में उभरेगा।
छह नए मॉडल में प्रत्येक कंपनी के लिए तीन मॉडल शामिल होंगे, जिन्हें चेन्नई में तैयार किया जाएगा। संबंधित ब्रांडों के अपनी-अपनी विशिष्ट शैली बनाए रखते हुए उन्हें सामान्य गठबंधन वाले प्लेटफार्मों पर निर्मित किया जाएगा। कंपनी ने कहा कि नए सी-सेगमेंट की चार एसयूवी शामिल की जाएगी। ए-सेगमेंट के दो इलेक्ट्रिक वाहन भारत में रेनो और निसान दोनों के लिए ही पहले ऐसे इलेक्ट्रिक वाहन होंगे, जो बड़े स्तर पर हो रहे बाजार के विद्युतीकरण में दोनों ब्रांडों की विरासत और विशेषज्ञता पर विनिर्मित किए जाएंगे।
Nissan Motor Corporation के मुख्य ऑपरेटिंग अधिकारी अश्विनी गुप्ता ने कहा कि कंपनी इसके जरिये A और C सेगमेंट में ज्यादा बाजार हिस्सेदारी का लक्ष्य बनाकर चल रह है। कहा जा रहा है कि फिलहाल दोनों वाहन मैन्युफैक्चरर ओरगडम में स्थित चेन्नई संयंत्र में चार मॉडलों का उत्पादन कर रही हैं।
इन नए मॉडलों का लक्ष्य न केवल भारतीय ग्राहक होंगे, बल्कि भारत से निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि का संकेत भी देंगे, जिससे संयंत्र उपयोग का स्तर मौजूदा लगभग 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 80 प्रतिशत हो जाएगा।
कंपनी ने कहा कि इस समय उसकी चेन्नई क्षमता का विस्तार करने की कोई योजना नहीं है। पिछले सप्ताह लंदन में घोषित किए गए सौदे के तहत रेनो निसान में अपनी हिस्सेदारी में कमी करेगी। निसान के अफ्रीका, पश्चिमी एशिया, भारत, यूरोप और ओशिनिया क्षेत्र के चेयरपर्सन गुइलाउम कार्टियर ने कहा कि रेनो और निसान भारतीय बाजार के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। ये कंपनियां भारतीय बाजार को विद्युतीकृत करने और पर्यावरण पर अपना प्रभाव कम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।