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दिल्ली से मुंबई तक, किराया हुआ महंगा; 2 BHK और 3 BHK मकानों की डिमांड सबसे ज्यादा

ग्रेटर कैलाश-2, गुरुग्राम सेक्टर 65 और 54, मुंबई के अंधेरी पूर्व व पश्चिम, गोरेगांव पूर्व, चेम्बूर, पवई, हैदराबाद के हाईटेक सिटी में 3BHK मकान का किराया ₹1 लाख से ज्यादा है।

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रामवीर सिंह गुर्जर   
Last Updated- November 18, 2024 | 5:17 PM IST

House Rent: किरायेदारों को जेब ढीली करनी पड़ रही है क्योंकि किराये पर लिए गए मकान का किराया महंगा हो गया है। इस साल तीसरी तिमाही में देश के 13 प्रमुख शहरों का औसत किराया दो साल के उच्च स्तर पर पहुंच गया है। साथ ही सालाना आधार पर किराये में 17.1 फीसदी और तिमाही आधार पर 7.4 फीसदी वृद्धि हुई है।

दिल्ली के ग्रेटर कैलाश-2, गुरुग्राम के सेक्टर 65 और 54, मुंबई के अंधेरी पूर्व व पश्चिम, गोरेगांव पूर्व, chembur और powai, हैदराबाद के हाईटेक सिटी में 3 बीएचके मकान का किराया एक लाख रुपये से भी अधिक है। लोग 2 बीएचके मकान सबसे अधिक किराये पर ले रहे हैं। साथ ही किरायेदारों की पहली पसंद सेमिफर्निंग मकान हैं।

2024 की तीसरी तिमाही में कितना बढ़ा किराया?

मैजिकब्रिक्स(Magicbricks) की Rental Update (july-september 2024) के नाम से जारी रिपोर्ट के अनुसार देश के 13 प्रमुख शहरों में इस साल तीसरी तिमाही में मकान के किराये में तिमाही आधार पर औसत वृद्धि 7.4 फीसदी दर्ज की गई है। सालाना आधार पर किराया 17.1 फीसदी बढ़ा है।

इस रिपोर्ट के अनुसार इन प्रमुख शहरों में तीसरी तिमाही में औसत किराया 35.8 रुपये वर्ग फुट प्रति महीना है, जो बीते दो साल में सबसे अधिक है। मुंबई में किराया सबसे अधिक 86.50 रुपये वर्ग फुट है।

मैजिकब्रिक्स के चीफ मार्केटिंग ऑफिसर प्रसून कुमार ने कहा इस साल किराये की मांग में तिमाही-दर-तिमाही मजबूत वृद्धि देखी गई है, जिससे किराए में पिछली 8 तिमाहियों यानी दो साल में सबसे तेज वृद्धि देखी गई है। खुद के रहने के लिए रेडी-टू-मूव अपार्टमेंट तेजी से खरीदे जा रहे हैं, जिससे किराये के मकानों की आपूर्ति में गिरावट आ रही है। इस बीच, निर्माणाधीन आपूर्ति में वृद्धि आने वाली तिमाहियों में बाजार संतुलन की संभावना का संकेत देती है।

किस शहर में मकान किराये पर मकान लेना हूुआ सबसे अधिक महंगा?

इस रिपोर्ट के अनुसार सालाना और तिमाही दोनों आधार पर चेन्नई में किराये पर मकान लेना सबसे अधिक महंगा हुआ है। इस शहर में सालाना आधार पर किराये में 37.4 फीसदी और तिमाही आधार पर 22.2 फीसदी इजाफा हुआ है। चेन्नई के बाद नवी मुंबई में 28.7 और हैदराबाद में किराया 28.2 फीसदी बढ़ा है। दूसरी तिमाही में सबसे ज्यादा किराया ग्रेटर नोएडा में 26.7 फीसदी बढ़ा था। लेकिन तीसरी तिमाही में इस शहर में किराये में 26.2 फीसदी वृद्धि हुई है।

बेंगलूरु में किराया 22.9 फीसदी, दिल्ली में 22.2 फीसदी , नोएडा में 20.2 और गुरुग्राम में 15.8 फीसदी बढ़ा है। सबसे कम किराया मुंबई में बढ़ा है। यहां सालाना आधार पर किराये में 12.6 फीसदी इजाफा हुआ है। हालांकि तिमाही आधार में 4.9 फीसदी सबसे कम किराये में वृद्धि गुरुग्राम में हुई है।

मकानों की आपूर्ति घटी, मांग बढ़ी

मैजिकब्रिक्स की रिपोर्ट के अनुसार इस साल की तीसरी तिमाही में तिमाही आधार पर किराये के मकानों की मांग में 1.1 फीसदी और सालाना आधार पर 3.1 फीसदी इजाफा हुआ है। मांग बढ़ने के बीच किराये के मकानों की आपूर्ति में कमी आई है। तीसरी तिमाही में सालाना आधार पर आपूर्ति 4.7 फीसदी घटी है, जबकि तिमाही आधार आपूर्ति में 6.7 फीसदी कमी दर्ज की गई है। तीसरी तिमाही में किराये के मकानों की सबसे अधिक 22.8 फीसदी ग्रेटर नोएडा में बढ़ी है। इसके बाद नोएडा में 11.1 फीसदी बढ़ी। चेन्नई, बेंगलूरु,पुणे, थाणे में मांग और आपूर्ति दोनों में कमी देखी गई है।

2 बीएचके और 3 बीएचके मकान की सबसे अधिक मांग

मैजिकब्रिक्स की इस रिपोर्ट के अनुसार किराये की मकान की कुल मांग में सबसे अधिक 42 फीसदी हिस्सेदारी 2 बीएचके मकानों की रही। इसके बाद 34 फीसदी हिस्सेदारी 3 बीएचके मकानों की दर्ज की गई। हालांकि गुरुग्राम, कोलकाता और अहमदाबाद तीन ऐसे शहर है, जहां 2 बीएचके से अधिक 3 बीएचके मकान की मांग रही। यहां 3 बीएचके मकान की हिस्सेदारी आधे से अधिक यानी 51 फीसदी दर्ज की गई।

सेमीफर्निश मकानों की बढ़ रही है मांग

किरायेदार अब मकान किराये पर लेते समय सेमीफर्निश (semi-furnished ) मकानों को अधिक तरजीह दे रहे हैं। इस रिपोर्ट के अनुसार इस साल की दूसरी तिमाही में कुल मांग में सेमिफर्निश मकानों की हिस्सेदारी 46 फीसदी दर्ज की गई। साथ ही इन मकानों की हिस्सेदारी बढ़ने से इनका कुल आपूर्ति में हिस्सा बढ़कर 51 फीसदी हो गया है। फर्निश (furnished ) मकानों की हिस्सेदारी 28 फीसदी, जबकि बिना फर्निश (un furnished ) मकानों की हिस्सेदारी 29 फीसदी रही।

किरायेदारों को किस आकार के मकान ज्यादा पसंद आ रहे हैं?

किरायेदारों को 1,000 वर्ग फुट से बड़े मकान ज्यादा पसंद आ रहे हैं। इस रिपोर्ट के अनुसार कुल मांग में 1,000 से 1,500 वर्ग फुट आकार वाले मकानों की हिस्सेदारी सबसे अधिक 38 फीसदी दर्ज की गई। कुल आपूर्ति में इन मकानों की हिस्सेदारी 33 फीसदी रही। 1,500 से 2,000 वर्ग फुट वाले मकानों की हिस्सेदारी 19 फीसदी रही। 2,000 से 2,500 और 2,500 वर्ग फुट से बड़े मकानों की हिस्सेदारी क्रमश:6 व 3 फीसदी दर्ज की गई। 500 से 1,000 वर्ग फुट वाले मकानों की कुल मांग में हिस्सेदारी 33 फीसदी और कुल आपूर्ति में 28 फीसदी दर्ज की गई। 500 वर्ग फुट से छोटे मकान किराये पर लेने वाले महज एक फीसदी ही लोग हैं।

कितने रुपये किराये के मकानों की सबसे अधिक मांग?

मैजिकब्रिक्स की इस रिपोर्ट के अनुसार सबसे अधिक मांग 20 से 30 हजार रुपये प्रति महीना किराये वाले मकानों की है। इनकी कुल मांग में हिस्सेदारी सबसे ज्यादा 24 फीसदी है। इसके बाद 22 फीसदी हिस्सेदारी के साथ अधिक मांग 50 हजार रुपये से एक लाख रुपये किराये मकानों की मांग है।

10 से 20 हजार रुपये प्रति महीना किराये के मकानों की मांग की हिस्सेदारी 21 फीसदी है। 30 से 40 हजार रुपये किराये वालों की 17 फीसदी, 40 से 50 हजार रुपये वालों की 11 फीसदी रही। एक लाख रुपये अधिक किराये वाले मकानों की हिस्सेदारी महज 4 फीसदी दर्ज की गई।

First Published : November 18, 2024 | 3:42 PM IST