नियामकीय सुधार और बुनियादी ढांचे में तेजी से उत्साहित इंजीनियरिंग क्षेत्र के समूह लार्सन ऐंड टुब्रो (एलऐंडडटी) ने अगले 10 साल के लिए रियल्टी कारोबार की अपने विकास इंजनों में से एक के रूप में पहचान की है। उसने प्री-सेल्स का विस्तार करते हुए जमीन हासिल करने की योजना बनाई है।
कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। एलऐंडटी रियल्टी ने अपना कारोबार बढ़ाने के लिए जमीन हासिल करने और सभी बाजारों में साझेदारी बढ़ाने के अवसर हासिल करने पर विचार शुरू कर दिया है।
एलऐंडटी रियल्टी के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्य अधिकारी अनुपम कुमार ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘हम इस दिशा में कुछ कदम उठा रहे हैं, हालांकि सावधानी से। हम 50 से 60 एकड़ के दायरे में जमीन तलाश रहे हैं। ज्यादा तलाश बेंगलूरु और एनसीआर में है।’
उन्होंने कहा, ‘एलऐंडटी ऐसे कारोबारों पर विचार कर रही है जिनमें विकास की संभावना हो और बड़े संगठन के अनुरूप हों। जिस भी क्षेत्र में एलऐंडटी अगले 10 साल में वृद्धि देख रही है, उसी पर जोर दिया जा रहा है। रियल्टी को कंपनी के लिए विकास के प्रमुख कारोबारों में से एक माना गया है।’
कुमार ने कहा कि कंपनी ने साल 2010 में अपनी एकमात्र बिजनेस-टु-बिजनेस (बी2सी) श्रेणी रियल्टी कारोबार में प्रवेश किया था। इसमें मुख्य रूप से अपने मौजूदा भूखंडों पर निर्भर किया गया था। उन्होंने कहा कि मौजूदा लैंड बैंक जल्द ही खत्म होने लगेगा।
उन्होंने कहा, ‘आरंभ में रियल एस्टेट का सफर हमारे भू-खंडों की कमाई से शुरू हुआ था। यह जमीन शहरों से कारखानों के स्थानांतरण के कारण निकली थी। चूंकि लैंड बैंक सीमित है। इसलिए कुछ साल में यह खत्म हो जाएगा।’
फिलहाल एलऐंडटी रियल्टी के पास विकास के विभिन्न चरणों में 6.1 करोड़ वर्ग फुट का पोर्टफोलियो है। कुमार ने कहा अब कंपनी हर साल करीब 2.5 से तीन करोड़ वर्ग फुट जोड़ने की योजना बना रही है जिससे एक साल में 30,000 से 40,000 करोड़ रुपये की प्री-सेल मिलेगी।
उन्होंने कहा कि उनकी प्राथमिकता किफायती आवास नहीं, बल्कि प्रीमियम और समृद्ध आवास क्षेत्र है। कंपनी वाणिज्यिक विकास को किराये पर देने या लाभ के लिए कमाई के अवसरों की तलाश में रहती है। अलबत्ता उन्होंने रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (रीट) शुरू करने की किसी भी योजना से इनकार कर दिया।
एलऐंडटी ने अतीत में अपने आईटी कारोबारों को विकसित किया है और बाद में उन्हें शेयर बाजार पर अलग-अलग कंपनियों के रूप में सूचीबद्ध कराया है।
इस सवाल पर कि क्या रियल्टी कारोबार के लिए भी ऐसा ही दृष्टिकोण अपनाया जाएगा, कुमार ने कहा, ‘हम कारोबार की तीव्र वृद्धि के लिए कई परियोजनाएं बनाने पर ध्यान दे रहे हैं। जब कारोबार सही आकार हासिल कर लेगा तो वृद्धि पूंजी जुटाने के लिए सूचीबद्धता के विकल्प पर विचार किया जाएगा, लेकिन यह संकेत नहीं दे सकते कि कब। फिलहाल ध्यान वृद्धि पर केंद्रित है।’