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यूनाइटेड इंश्योरेंस के निजीकरण का सुझाव

Last Updated- December 12, 2022 | 3:11 AM IST

नीति आयोग ने सरकारी बीमा कंपनी यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के निजीकरण की सिफारिश की है। सरकार का लक्ष्य आत्मनिर्भर भारत के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (पीएसई) पर नई नीति को आगे बढ़ाना है।

एक अधिकारी ने कहा कि थिंक टैंक ने सुझाव दिया है कि बैंकिंग, बीमा और वित्तीय क्षेत्रों के निजीकरण की नीति के तहत सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी का निजीकरण किया जाना चाहिए, जिनका वर्गीकरण पीएसई नीति में ‘रणनीतिक’ के रूप में किया गया है। इस नीति में रणनीतिक क्षेत्र में सरकारी कंपनियों की मामूली उपस्थिति और शेष कंपनियों के निजीकरण, विलय या उन्हें बंद करने का प्रस्ताव किया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट में घोषणा की थी कि इस साल एक बीमा कंपनी और दो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का निजीकरण किया जाएगा। नीति आयोग की सिफारिशें इसी के मुताबिक हैं। 

एक अन्य अधिकारी ने कहा कि सरकार दो सरकारी बैंकों और एक बीमा कंपनी के निजीकरण पर काम कर रही है, जैसा कि बजट में घोषणा की गई थी। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया को पूरा करने में वक्त लग सकता है, लेकिन यह लक्ष्य बजट घोषणाओं से जुड़ा है, जिसमें एक बीमा कंपनी व दो बैंकों के निजीकरण की बात कही गई थी। 

नीति आयोग की सिफारिशों पर जल्द ही विनिवेश पर बनी सचिवों का प्रमुख समूह विचार करेगा, जिसकी अध्यक्षता कैबिनेट सचिव करते हैं। इस पर क्षेत्र में निवेशकों की स्थिति और क्षेत्रवार प्रगति के विश्लेषण के बाद निजीकरण की प्रक्रिया के बारे में विचार किया जाएगा। 

पहले अधिकारी ने कहा कि थिंक टैंक की सिफारिशें सिर्फ समग्र क्षेत्रवार विश्लेषण के बाद की हैं। बहरहाल सरकार इस क्षेत्र में निवेशकों की दिलचस्पी सहित तमाम कारकों पर विचार करने के बाद इस दिशा में आगे की मंजूरी देगी। अधिकारी ने कहा कि बीमा कंपनी का प्रदर्शन बेहतर नहीं रहा है, लेकिन निवेशक अभी इस बीमा कंपनी को आकर्षक पाते हैं क्योंकि इस क्षेत्र में विदेशी निवेशकों की दिलचस्पी है। 

यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस को 2019-20 में 1,485 करोड़ रुपये का शुद्ध नुकसान हुआ है, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में 1,878 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। पिछले वित्त वर्ष की तुलना में वित्त वर्ष 20 में कंपनी की सकल प्रीमियम आमदनी में करीब 7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और यह 17,515 करोड़ रुपये रहा है। भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक बीमाकर्ता का सकल प्रीमियम 2020-21 में पिछले साल की तुलना में करीब 5 प्रतिशत घटकर 15,711 करोड़ रुपये रह गया है। हाल के आंकड़ों के मुताबिक सकल प्रीमियम मई, 2021 में 1,164 करोड़ रुपये थी, जो मई, 2020 में 1,350 करोड़ रुपये थी।  बीमाकर्ता की कुल पूंजी 2015-16 के 5,731 करोड़ रुपये से घटकर 2019-20 में 1,443 करोड़ रुपये रह गई है। 

2018-19 के बजट में सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की 3 बीमा कंपनियों नैशनल इंश्योरेंस कंपनी, यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी और ओरिएंटल इंडिया इंश्योरेंस का विलय कर एक इकाई बनाने का प्रस्ताव किया था। इसके बाद इसे एक्सचेंज में पंजीकृत कराने का प्रस्ताव था। बहरहाल पिछले साल जुलाई में सरकार ने विलय प्रक्रिया रोक दी थी।

First Published - June 29, 2021 | 11:51 PM IST

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