वैश्विक क्रेडिट इंटेलिजेंस प्रदाता और क्रेडिट प्रबंधन, जोखिम प्रबंधन और डेटा एनालिटिक्स क्षेत्र की अग्रणी कंपनी पेपर एडवांटेज (Pepper Advantage) अपनी सेवओं में आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस (AI) को बढ़वा देने में जुटी है। रियोम (Rieom.ai) के अधिग्रहण के बाद अब कंपनी इस दीवाली पर पुणे में पेपर एडवांटेज टेक हब की शुरुआत करने जा रही है। यहां से कंपनी एआई आधारित सेवाओं का विस्तार करने की योजना तैयार की है।
पेपर एडवांटेज के सीईओ मुकुंद कुलकर्णी ने बताया कि भारतीय बैंकिंग प्रणाली के भीतर सकल गैर-निष्पादित संपत्तियों का बढ़ता आंकड़ा हमारे काम के विस्तार के लिए बेहतर विकल्प है। इस क्षेत्र में हम एकमात्र ऐसे प्रदाताओं में से एक हैं जो व्यापक एंड-टू-एंड वित्तीय सेवा समाधान प्रदान करते हैं, बैंकों और गैर-बैंक ऋणदाताओं की विविध आवश्यकताओं को पूरा करते हैं, जोखिम को काफी कम करते हैं और क्रेडिट मूल्यांकन को अनुकूलित करते हैं। पिछले वर्ष में हमारे पोर्टफोलियो में भारत में 17 प्रमुख बैंक शामिल हुए हैं। हम वित्तीय वर्ष के अंत (मार्च 2024) तक 5 से 6 और ग्राहकों को जोड़ने की राह पर हैं।
पेपर एडवांटेज हब की शुरुआत पुणे में दीवाली के दिन 12 नवंबर को की जाएगी इसके साथ ही अब हमारा फोकस वित्तिय सेवाएं प्रदान करने वाले बैंकों के साथ कॉपोरेट घराने भी होगे। पेपर एडवांटेज टेक हब एक विश्व स्तरीय एआई सुविधा वाला व्यावसायिक संस्थान है। जहां नई तकनीक, विश्लेषण और निरंतर सुधार के साथ काम किया जाएगा। फिलहाल इसके लिए 100 से अधिक शोधकर्ताओं, प्रोग्रामर और विश्लेषकों की एक टीम तैनात की जा रही है।
कंपनी के बारे में बात करते हुए कुलकर्णी ने बताया कि पेपर एडवांटेज कंपनी की शुरुआत सन 2000 में लंदन में हुई थी। इस समय 9 देशों में कंपनी अपनी सेवाएं दे रही है। भारत में कंपनी दिसंबर 2019 शुरु हुई लेकिन कोविड के कारण कंपनी की असली शुरुआत 2022 के अंत में हो सकी। करीब 50 कर्मचारियों के साथ कंपनी की शुरुआत हुई थी, इस समय 300 से ज्यादा कर्मचारी है। पिछले 15-16 महीनों में कंपनी का पोर्टफोलियों 650 बढ़कर 2000 करोड़ रुपये से ज्यादा हो चुका है, अगले दो-तीन सालों में कंपनी का फोर्टफोलियों 100 बिलियन तक पहुंचाने का लक्ष्य है।
आने वाले साल में कंपनी के विस्तार के बारे में चर्चा करते हुए कुलकर्णी ने कहा कि अभी हम क्रेडिट प्रबंधन का काम करते हैं। अगले साल से क्रेडिट इनवेस्टमेंट का काम शुरु किया जाएगा। एनबीएफसी बैंकों का बढ़ा हुआ एनपीए खरीदने का काम कंपनी करेंगी। उनके कर्ज प्रबंधन की जिम्मेदारी भी हम संभालने की तैयारी कर चुके हैं लेकिन हम नया कर्ज नहीं दे सकते हैं क्योंकि आरबीआई हमें यह करने की इजाजत नहीं देता है।
कंपनी ने एनबीएफसी शुरु करने के लिए कागजी तैयारी शुरु कर दी है, जरुरी दस्तावेज जमा किये जा चुके हैं लेकिन हमें काम करने की हरी झंड़ी कब तक मिलेगी यह हम नहीं बोल सकते हैं क्योंकि विदेशी फर्म होने के कारण सरकार के कई नियम होते हैं जिनको सत्यापित करने में समय लगता है।
कुलकर्णी कहते हैं कि एआई आधारित सेवाएं वित्तिय संस्थाओं के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। भारत में अभी लोकल लेबल पर क्रेडिट मैनेजमेंट होता है। देशभर में एक बैंक के लिए दो-तीन हजार एंजेसियां काम करती है। इनमें से बहुत सी कंपनी बीच में काम छोड़कर भाग जाती है।
बैंकों को इस समय पूरे भारत में काम करने वाली क्रेडिट प्रबंधन एंजेसी चाहिए। जो काम हम पूरा कर सकते हैं। सुरक्षा के हिसाब से वित्तिय संस्थान किसी एक एंजेसी को पूरा काम न देकर तीन चार कंपनियों को यह काम सौंपगे। इससे बैंकों का कारोबार बढ़ेगा, इससे करीब 30 फीसदी काम डिजिटल हो जाएगा। खर्च में भी करीब 30 फीसदी की कमी आ जाएगी। यह ग्राहकों के लिए भी फायदेमंद होगा।
कुलकर्णी के मुताबिक एआई कानूनी क्षेत्र में एक गेम-चेंजर है और वकीलों के काम करने के तरीके में क्रांति लाने की क्षमता रखता है। आने वाले वर्षों में कानूनी दुनिया को आकार देने और सकारात्मक बदलाव लाने में एआई की भूमिका का विस्तार होना तय है। ट्रैफिक उल्लंघन, क्रेडिट कार्ड रिकवरी और चेक बाउंसिंग जैसे कम जोखिम वाले मामलों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग बैकलॉग को कम करने और निपटान की गति में सुधार करने में मदद कर सकता है।
एआई के इस्तेमाल से नौकरियां जाने के सवाल पर कुलकर्णी कहते हैं कि एआई हमारा काम बांटने और उसकी गुणवत्ता बढ़ाने के लिए बनाया गया है। लोगों को एआई को ख़तरे के बजाय काम की चीज़ समझकर इसका इस्तेमाल सीखना चाहिए। लोगों को टेक्नोलॉजी की तरफ़ झुकाव बढ़ाना होगा । उन्हें अपने काम के हिसाब से एआई की शिक्षा और ट्रेनिंग लेनी चाहिए। इस तरह से वे एक नया स्किल भी सीख रहे होंगे । आखिरकार एआई का प्रबंधन करने के लिए कुशल लोगों की जरुरत तो पड़ेगी।
पेपर ग्रुप की ऑस्ट्रेलिया, यूके, यूरोप, दक्षिण कोरिया, जापान और दक्षिण-पूर्व एशिया जैसे परिपक्व बाजारों में मौजूदा उपस्थिति है। कंपनी मुंबई, चेन्नई, दिल्ली, बैंगलोर और अहमदाबाद, कोलकाता, लखनऊ और कोच्चि में अपने केन्द्र स्थापित कर चुका है।
पेपर एडवांटेज ऋण प्रक्रिया के हर चरण में एआई तकनीक के साथ वित्तीय संस्थानों का धोखाधड़ी जोखिमों को कम करने के लिए एंड-टू-एंड समाधान प्रदान करता है। अभी तक, भारत में ऐसी कोई अन्य कंपनी नहीं है जो एक ही छत के नीचे इतने विविध प्रकार के समाधान प्रदान कर सके।