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दूरसंचार कंपनियों को समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) बकाया मामले में अदालत से राहत नहीं मिली। उच्चतम न्यायालय ने वोडाफोन, एयरटेल और टाटा टेलीसर्विसेज की ओर से समायोजित सकल राजस्व बकाया माफ करने के लिए दायर याचिका आज खारिज कर दी। न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर महादेवन के पीठ ने कहा कि याचिकाओं को गलत तरीके से तैयार किया गया है। पीठ ने वोडाफोन की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी से कहा, ‘हम इन याचिकाओं से हैरान हैं जो हमारे सामने आई हैं। एक बहुराष्ट्रीय कंपनी से इसकी उम्मीद नहीं की जाती। हम इसे खारिज करेंगे।’
रोहतगी ने सुनवाई की शुरुआत में जुलाई तक स्थगन की मांग की। अदालत ने जब इसका कारण पूछा तो उन्होंने कहा कि वह इस बात की संभावनाएं तलाश रहे हैं कि क्या अदालत को परेशान किए बिना कुछ समाधान खोजा जा सकता है। पीठ ने कहा, ‘अगर सरकार आपकी मदद करना चाहती है तो उन्हें करने दीजिए। हम बीच में नहीं आ रहे हैं।’
रोहतगी ने कहा कि केंद्र ने जुलाई, 2021 के उच्चतम न्यायालय के फैसले के कारण मदद देने में असमर्थता जताई है। इससे पहले दूरसंचार कंपनियों ने एजीआर बकाया की गणना में गलती की बात कहकर इसे ठीक करने की मांग की थ, लेकिन न्यायालय ने 23 जुलाई, 2021 को उनकी याचिकाओं को खारिज कर दिया था।
वोडाफोन ने अपने एजीआर बकाया के ब्याज, जुर्माने और जुर्माने पर ब्याज के रूप में करीब 30,000 करोड़ रुपये की छूट मांगी है। रोहतगी ने पहले कहा था कि दूरसंचार क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बनाए रखने के लिए याची कंपनी का अस्तित्व जरूरी है। उन्होंने कहा कि हाल में ब्याज बकाया को इक्विटी में बदलने के बाद अब केंद्र के पास कंपनी में 49 फीसदी हिस्सेदारी है।
कंपनी ने याचिका में कहा, ‘मौजूदा रिट याचिका में फैसले की समीक्षा की अपील नहीं की गई है बल्कि फैसले के तहत ब्याज, जुर्माना और जुर्माने पर ब्याज के भुगतान से छूट मांगी गई है।’ याची ने मांग की थी कि केंद्र को निष्पक्ष और सार्वजनिक हित में काम करने तथा एजीआर बकाया पर ब्याज, जुर्माना और जुर्माने पर ब्याज के भुगतान के लिए जोर न देने को कहा जाए।
शीर्ष अदालत ने सितंबर 2020 के अपने आदेश में कहा था कि दूरसंचार ऑपरेटरों को दूरसंचार विभाग द्वारा मांगे गए कुल बकाये का 10 फीसदी 31 मार्च, 2021 तक भुगतान करना चाहिए और शेष राशि का भुगतान 1 अप्रैल, 2021 से 31 मार्च, 2031 तक वार्षिक किस्तों में किया जाना चाहिए।