वित्त वर्ष 2024 की शुरुआत में लार्सन ऐंड टुब्रो (एलऐंडटी) के शीर्ष अधिकारियों ने कहा था कि 2024 में आम चुनाव होने के कारण कारोबारी गतिविधियों में कोई खास तेजी नहीं दिखेगी और उसका प्रभाव ऑर्डर पर भी दिख सकता है। मगर, विभिन्न क्षेत्रों के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि अब तक ऐसी कोई सुस्ती नहीं दिख रही है। कुछ अधिकारियों ने यह भी उम्मीद जताई कि मार्च 2024 में समाप्त तिमाही के दौरान भी कामकाज सामान्य रहेगा।
निर्माण परियोजनाओं के एक महत्त्वपूर्ण घटक स्टील की मांग के बारे में पूछे जाने पर जेएसडब्ल्यू स्टील के संयुक्त प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्य अधिकारी जयंत आचार्य ने कहा कि हमें अब तक चुनाव से पहले वाली सुस्ती नहीं दिख रही है। उन्होंने कहा कि अक्टूबर में बुनियादी ढांचे से जुड़ी मांग कम थी मगर अब इसमें तेजी आई है।
सीमेंट डीलर और रेटिंग एजेंसियों के अधिकारियों ने भी आचार्य की बात पर सहमति जताई।
इंडिया रेटिग्स ऐंड रिसर्च के निदेशक सौम्यजित नियोगी ने कहा, ‘हमने अब तक निर्माण या परियोजना की निविदा गतिविधियों में कोई सुस्ती नहीं देखी है।’ दिसंबर में अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस, टाटा पावर, केईसी इंटरनैशनल, कल्पतरु प्रोजेक्ट्स इंटरनैशनल और थर्मल ग्लोबल भारत में ऊर्जा और बुनियादी ढांचा क्षेत्र की उन कंपनियों में शामिल हैं जिन्होंने परियोजना मिलने की जानकारी दी।
स्टील के अलावा सीमेंट की मांग को भी निर्माण गतिविधियों के एक अन्य बड़े घटक के रूप में माना जाता है। हैदराबाद के एक सीमेंट डिस्ट्रीब्यूटर दीपक नवंदर ने कहा, ‘पिछले कुछ महीनों से मांग बरकरार है। दीवाली और प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों के कारण मांग में जो गिरावट थी वह दिसंबर में सुधर गई।’
नवंबर में अपने निवेशक कॉल में एलऐंडटी के अधिकारियों ने कहा था कि अगले साल मार्च में आम चुनावों की घोषणा होगी, इसलिए मार्च 2024 में खत्म होने वाली तिमाही के दौरान निविदा और ऑर्डर गतिविधियों में थोड़ी कमी आ सकती है। हालांकि, एलऐंडटी का अब इस पर क्या कहना है कि इसकी जानकारी नहीं मिली है। मगर, आने वाली तिमाही के बारे में सभी एक मत नहीं हैं।
इंडिया रेटिंग्स के नियोगी ने कहा, ‘हमें चुनाव के मद्देनजर अगले दो महीनों में निविदा गतिविधियों में तेजी आने की उम्मीद है क्योंकि पिछले कुछ वित्त वर्षों से यही चलन रहा है, जब मंत्रालय राजकोषीय विवेक को ध्यान में रखते हुए खर्च में वृद्धि करते हैं।’
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आईआरबी इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपर्स के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक वीरेंद्र डी म्हैस्कर ने भी इस पर सहमति जताई। उन्होंने कहा, ‘चुनाव के कारण किसी भी तरह की सुस्ती की उम्मीद नहीं करें क्योंकि सरकार ने पहले ही बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर परियोजनाओं की घोषणा की है। किसी भी तरह के श्रम की कमी की भी उम्मीद नहीं है।’
इंडिया रेटिंग्स के नियोगी ने यह भी कहा, ‘हमें इस साल चुनाव से पहले किसी तरह की अस्थायी सुस्ती की भी संभावना नहीं है, जैसा कि साल 2019 में देखा गया था। सुस्ती में योगदान देने वाले कुछ कारक इस बार अर्थव्यवस्था को बेहतर कर रहे हैं और निर्माण गतिविधियां अपने चरम पर हैं।’
जेएसडब्ल्यू स्टील के आचार्य ने कहा कि जनवरी से मार्च 2024 की अवधि में मांग के रुझान के लिए इंतजार करना होगा और देखना होगा।