शीतल पेय कंपनियों के बीच छिड़ी विज्ञापनों की जंग एक नए मुकाम पर पहुंच चुकी है।
इस बार कोका-कोला आईपीएल सीजन 2 में मार्केटिंग के लिए पेप्सीको के ब्रांड एम्बेसडरों का खुलकर इस्तेमाल कर रही है। मिसाल के तौर पर इस मामले को लीजिए।
पेप्सीको के ‘यंगिस्तान’ ब्रांड के झंडाबरदार वीरेंद्र सहवाग और ईशांत शर्मा को कोका-कोला के कई समारोहों में मौजूद रहना पड़ा था। दरअसल, कोका-कोला, सहवाग की टीम दिल्ली डेयरडेविल्स और शर्मा की टीम कोलकाता नाइट राइडर्स , दोनों, की सह प्रायोजक और आधिकारिक पेय सहयोगी है।
अभी कुछ ही दिनों पहले सहवाग को दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए आयोजित विदाई समारोह में हिस्सा लेना पड़ा। इस समारोह में सहवाग ने कोका-कोला इंडिया के ब्रांड एम्बेसडर गौतम गंभीर के साथ आईपीएल के लिए एक लिमिटेड एडीशन बोतल को लॉन्च किया।
कोका-कोला इंडिया के महाप्रबंधक-मार्केटिंग (फ्लेवर्स) श्रीनिवास मूर्ति ने बताया कि, ‘यह प्रचार अभियान आईपीएल के इस सीजन के अंत तक चलेगा। इसमें हम इससे जुड़ी दूसरी वस्तुओं को भी बेंचेगे।’ इस बारे में जब पेप्सीको के प्रवक्ता से बात करने की कोशिश की गई, तो उन्होंने इस बाबत टिप्पणी करने से साफ इनकार कर दिया।
कोका-कोला अपने ‘स्प्राइट’ ब्रांड को शाहरुख खान और टीम केकेआर से साथ जोड़कर भी लोगों को लुभाने की कोशिश कर रही है। ‘स्प्राइट’ के विज्ञापन में केकेआर के तीन खिलाड़ी सौरव गांगुली, अजीत अगरकर और मुरली कार्तिक, शाहरुख खान के साथ दिखाई देते हैं।
ब्रांड कंसल्टेंट, हरीश बिजूर का कहना है कि, ‘शाहरुख खान के जुड़ने के वजह से स्प्राइट और केकेआर को काफी फायदा हुआ।’ केकेआर के खिलाड़ी ईंशात शर्मा को आप ‘स्प्राइट’ की बोतल और होर्डिंग्स पर देख सकते हैं। प्रचार के इस तरीके को औम्बुश मार्केटिंग कहते हैं।
इसके तहत कंपनियां उन लोगों और आयोजनों का इस्तेमाल करती हैं, जिसे वे जुड़ी हुई नहीं हों। इसकी सबसे जबरदस्त मिसाल 1996 के क्रिकेट वर्ल्ड कप को कह सकते हैं। इसमें कोका-कोला 40 करोड़ रुपये चुकाकर प्रायोजक बनी थी, लेकिन पेप्सीको ने अपने ‘नथिंग ऑफिशियल अबाउट इट’ कैंपेन के साथ सारी लोकप्रियता बटोर ली थी।
