सत्यम फर्जीवाड़े के बाद कॉरपोरेट गवर्नेंस भारतीय उद्योग जगत के लिए अहम मसला बन गया है।
वैश्विक कंसल्टेंसी फर्म केपीएमजी की रिपोर्ट मुताबिक, कॉरपोरेट गवर्नेंस नियमों की समीक्षा और इसे सख्ती से लागू करने पर ध्यान देने की जरूरत है।
कई कंपनियों का भी मानना है कि कॉरपोरेट गवनर्ेंस के क्लॉज 49 में सुधार संभावना है, जिसकी निगरानी सेबी की ओर से की जाती है।
सेबी के क्लॉज 49 के मुताबिक, सभी सूचीबद्ध कंपनियों को अपने बोर्ड में 50 फीसदी स्वतंत्र निदेशकों को रखना अनिवार्य है। 73 फीसदी का मानना है कि रिस्क मैनेजमेंट में सुधार आनी चाहिए।
