जीवन बीमा का एनबीपी घटा

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 14, 2022 | 9:56 PM IST

जुलाई से लगातार 4 महीने तक नए बिजनेस प्रीमियम (एनबीपी) में बढ़ोतरी के बाद जीवन बीमा कंपनियों के एनबीपी में नवंबर महीने में करीब 27 प्रतिशत गिरावट आई है। सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की इसमें अहम भूमिका रही।
नवंबर महीने में उद्योग का एनबीपी 19,159.31 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वित्त वर्ष के समान महीने में 26,221.24 करोड़ रुपये था। निजी क्षेत्र की बीमा कंपनियों के एनबीपी में 5.15 प्रतिशत की गिरावट आई है और वह 7,066.65 करोड़ रुपये रह गया है, वहीं एलआईसी का एनबीपी 35 प्रतिशत से ज्यादा घटकर 12,092.66 करोड़ रुपये रह गया है। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में एलआईसी का एनबीपी 18,770.56 करोड़ रुपये था। एनबीपी साल में नई पॉलिसी से आने वाला प्रीमियम होता है।
बड़ी निजी कंपनियों में एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस के एनबीपी में नवंबर में 11 प्रतिशत गिरावट आई है। लेकिन एसबीआई लाइफ का एनबीपी 3.4 प्रतिशत बढ़ा है। इस अवधि के दौरान आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस के एनबीपी में 1 प्रतिशत गिरावट आई है।
वित्त वर्ष 21 के अप्रैल-नवंबर अवधि के दौरान जीवन बीमाकर्ताओं के एनबीपी में 1.5 प्रतिशत गिरावट आई है और यह पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के 1.69 लाख करोड़ रुपये की तुलना में घटकर 1.66 लाख करोड़ रुपये रह गया है। इस अवधि के दौरान एलआईसी का प्रीमियम संग्रह 3.75 प्रतिशत गिरकर 1.15 लाख करोड़ रुपये रह गया जो पिछले साल की समान अवधि में 1.20 लाख करोड़ रुपये था। वहीं निजी बीमा कंपनियों के एनबीपी में करीब 4 प्रतिशत वृद्धि हुई है और यह पिछले साल की समान अवधि के 49,078.27 करोड़ रुपये से बढ़कर 51.004.23 करोड़ रुपये हो गया है। कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के मुताबिक निजी क्षेत्र के बीमाकर्ताओं का व्यक्तिगत सालाना प्रीमियम समतुल्य (एपीई) नवंबर 2020 में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 7 प्रतिशत कम हुआ है, जबकि समूह एपीई सालाना आधार पर 12 प्रतिशत कम हुआ है।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘उल्लेखनीय रूप से व्यक्तिगत एपीई वृद्धि सितंबर 2020 में सकारात्मक (सालाना आधार पर 4 प्रतिशत ज्यादा) रही है। लॉकडाउन खुलने के बाद अक्टूबर 2020 में इसमें सालाना आधार पर 14 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई। लेकिन नवंबर में गिरावट आई है। यह ज्यादा बेस इफेक्ट की वजह से हो सकता है। निजी क्षेत्र के लिए नवंबर 2019 बेहतर महीना था, जब 27 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई थी, जबकि सितंबर और अक्टूबर 2019 में 3 से 4 प्रतिशत वृद्धि हुई थी।’ विशेषज्ञों का कहना है कि दिसंबर में यह सामान्य हो जाएगा।

First Published : December 10, 2020 | 11:54 PM IST