दक्षिण अफ्रीका की दूरसंचार कंपनी एमटीएन गु्रप अपने शेयरों के बायबैक के लिए शेयरधारकों की अनुमति हासिल किए जाने की संभावना तलाश रही है।
कंपनी 19 जून को होने वाली सालाना आम बैठक में इस संबंध में चर्चा कर सकती है। सालाना आम बैठक (एजीएम) के मुताबिक इस संबंध में सदस्यों को नोटिस जारी कर दिया गया है। एमटीएन के शेयरधारक इस बैठक में शेयरों की पुनर्खरीद पर अपना मत देंगे।
इस नोटिस में संभावित बिक्री या कंपनी के विलय का जिक्र नहीं किया गया है। नोटिस में कहा गया है कि बोर्ड के प्रस्ताव को दो-तिहाई शेयरधारकों की अनुमति प्राप्त होगी। एजीएम नोटिस के मुताबिक लेबनान के पूर्व प्रधानमंत्री नजीब मिकाटी प्रवर्तित कंपनी लोम्बार्ड ओडियर डेरियर हेंच ऐंड काई का इसमें 9.82 प्रतिशत नियंत्रण है। इसके अलावा कंपनी में न्यूशेल्फ 664 (प्रॉपराइटरी) लिमिटेड की 13.06 प्रतिशत हिस्सेदारी और निदेशकों और सहयोगी कंपनियों की 0.03 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
सूत्रों के मुताबिक संभावित विलय या बिक्री के लिए भारत की सबसे बड़ी गैर-सरकारी दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल के साथ एमटीएन की ओर से बातचीत किए जाने की संभावना है। इस प्रक्रिया से नजदीकी से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि बैठक में एमटीएन में हिस्सेदारी खरीदने को इच्छुक यूएई की एतीसैलेट और डयूश टेलीकॉम पर भी बातचीत की जाएगी।
वैसे, एजीएम एक सालाना बैठक है। इस बार की एजीएम 13वीं बैठक होगी। सूत्रों के मुताबिक यह महत्वपूर्ण है कि एमटीएन भारती एयरटेल के साथ संभावित विलय के लिए 50:50 कैश-ऐंड-स्टॉक डील की संभावना तलाश रही है।
कंपनी ने इस सिलसिले में एक सामान्य प्रस्ताव रखा है जिसमें कंपनी निदेशकों के नियंत्रण के तहत गैर-जारी शेयरों के नियोजन के लिए संभावना तलाश रही है। जब इस संबंध में एमटीएन के प्रवक्ता नोजिफो जैनुअरी-बार्डिल से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा, ‘सालाना आम बैठक तय कार्यक्रम के मुताबिक 19 जून को होगी। भारती के मुद्दे पर एमटीएन ज्यादा कुछ नहीं कह सकती।’