देश में अक्टूबर से शुरू की गई 5जी सेवा के मुद्रीकरण की गुंजाइश फिलहाल ‘काफी सीमित’ है और ग्राहक अब भी ‘उदासीनता के क्षेत्र’ में हैं क्योंकि वे जिन सेवाओं का उपयोग करते हैं, उनमें से अधिकांश सेवाओं के मामले में वे 4जी और 5जी के बीच कोई खास अंतर नहीं देख सकते हैं। भारती एयरटेल के एक शीर्ष अधिकारी ने यह बात स्वीकार की है।
यही नहीं, बल्कि अधिकारी ने यह भी कहा कि वर्तमान में 5जी पर उपलब्ध मोबाइल फोन की संख्या सीमित है और ग्राहक अपने फोन को पहले की तुलना में बहुत धीरे-धीरे बदल रहे हैं और अपग्रेड कर रहे हैं। अधिकारी ने कहा ‘वर्तमान में केवल 12 प्रतिशत मोबाइल फोन ही 5जी पर हैं। पिछले कुछ वर्षों में ग्राहकों द्वारा फोन बदलने और अपग्रेड करने की रफ्तार 18 महीने से बढ़कर 30 महीने हो गई है। बेहतर गुणवत्ता की वजह से ऐसा हो सकता है या नवीनता वाला कारक खो गया है।’
अधिकारी ने यह भी कहा कि मुख्य कवायद यह थी कि 4जी क्षमता को 5जी में लाया जा रहा था, जो कि कहीं अधिक कुशल स्पेक्ट्रम है। उन्होंने कहा ‘मुद्रीकरण की गुंजाइश काफी सीमित है। 5जी उद्यम का कारोबार भी शुरुआती चरण में है और इसे विकसित किया जाना है। इसे निजी नेटवर्क जैसे बड़े कॉरपोरेट के साथ शुरू किया जा रहा है। ग्राहक भी उदासीनता के क्षेत्र में हैं क्योंकि वे जिन सेवाओं का उपयोग करते हैं, उन पर इसका असर नहीं देख सकते हैं।’
उन्होंने यह भी कहा कि प्रीमियम सेवा पर 5जी की पेशकश करने का प्रयास दुनिया में कहीं भी कारगर नहीं हुआ है। उन्होंने कहा ‘कई देशों ने इसे प्रीमियम उत्पाद पर बेचने की कोशिश की, जैसे थाईलैंड में लेकिन इसने काम नहीं किया।’ लेकिन उनका तर्क है कि हेडलाइन टैरिफ में इजाफे की जरूरत है क्योंकि भारत में प्रति जीबी डेटा की कीमत सब सहारा अफ्रीका की तुलना में कम है, लेकिन उनका कहना है कि वे इसे अकेले नहीं कर सकते हैं।
हालांकि दूरसंचार कंपनी फिक्स्ड वायरलेस एक्सेस (एफडब्ल्यूए) ब्रॉडबैंड के लिए शुरुआती परीक्षण कर रही है, जो 5जी के लिए वैश्विक स्तर पर और साथ ही भारत में (रिलायंस जियो द्वारा) बड़े स्तर पर उपयोग का मामला है, लेकिन वह कहते हैं कि फाइबर में प्रति घर पहुंच की लागत 200 डॉलर की दर पर किसी 5जी एफडब्ल्यूए की राउटर लागत से कम है।
कार्यकारी ऐसे दावों को भी बकवास बताते हैं कि नॉन स्टैंड अलोन 5जी की तैनाती के कारण उनकी सेवा स्टैंड अलोन 5जी की पेशकश करने वाली उनकी प्रतिस्पर्धी की तुलना में कहीं भी कमतर है। एयरटेल ने प्रति उपयोगकर्ता औसत राजस्व (एआरपीयू) बढ़ाने के लिए एक तीन आयामी रणनीति भी बनाई है, जिसमें प्री-पेड ग्राहकों को पोस्टपेड पर जाने के लिए प्रेरित करना और फीचर फोन वाले 25 करोड़ उपयोगकर्ताओं को स्मार्ट फोन में अपग्रेड करने के लिए (2जी से 4जी में) प्रोत्साहित करना शामिल है।