टाटा संस में मिस्त्री परिवार की हिस्सेदारी की कीमत 94,000 करोड़ रुपये

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 14, 2022 | 8:07 PM IST

टाटा समूह की होल्डिंग व प्रवर्तक कंपनी टाटा संस का मूल्यांकन 5.08 लाख करोड़ रुपये है और यह मूल्यांकन सूचीबद्ध होल्डिंग कंपनियों मसलन बजाज होल्डिंग्स ऐंड इन्वेस्टमेंट, जेएसडब्ल्यू होल्डिंग्स, ग्रासिम इंडस्ट्रीज, बजाज फिनसर्व, बॉम्बे बर्मा ट्रेडिंग, महिंद्रा ऐंड महिंद्रा, ईआईडी पैरी और वेदांता के मौजूदा मूल्यांकन अनुपात पर आधारित है।
ये सूचीबद्ध होल्डिंग कंपनियां अभी अपने-अपने एनएवी के 42 फीसदी नीचे कारोबार कर रहे हैं। यह शुक्रवार के उनके बाजार पूंजीकरण पर आधारित है। एनएवी, उनके सूचीबद्ध निवेश, असूचीबद्ध निवेश (कर्ज को घटाकर) की मौजूदा बाजार कीमत का जोड़ है और यह इस साल मार्च के आखिर में उनके खाते में दर्ज आंकड़ों के आधार पर है।
इसके आधार पर साइरस मिस्त्री परिवार की टाटा संस में 18.5 फीसदी हिस्सेदारी की कीमत करीब 94,000 करोड़ रुपये है। इस साल सितंबर में शापूरजी पलोनजी समूह ने टाटा संस की अपनी पूरी हिस्सेदारी करीब 1.78 लाख करोड़ रुपये में बेचने पर सहमति जताई थी, जो समूह की सूचीबद्ध व असूचीबद्ध कंपनियों में उनकी हिस्सेदारी पर आधारित है। शापूरजी पलोनजी समूह ने टाटा संस की ब्रांड वैल्यू 1.46 लाख करोड़ रुपये बताई थी और इसका आनुपातिक हिस्सा चाहते हैं। होल्डिंग कंपनी का मूल्यांकन उनके निवेश की बाजार कीमत के मुकाबले छूट पर होता है क्योंकि नकदी प्रवाह और उनके पोर्टफोलियो में मौजूद कंपनियों की तरफ से दिए गए लाभांश तक निवेशकों की सीधी पहुंच नहीं होती।
नारनोलिया सिक्योरिटीज के मुख्य निवेश अधिकारी शैलेंद्र कुमार ने कहा, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज या बजाज ऑटो में निवेश इन कंपनियों की तरफ से अर्जित नकदी प्रवाह तक सीधी पहुंच का मौका देता है, लेकिन उनकी होल्डिंग कंपनी में निवेश पर ऐसा नहीं होता। समूह की होल्डिंग कंपनियों मसलन टीसीएस, टाटा मोटर्स, टाइटन और टाटा स्टील में टाटा संस के पास प्रवर्तक हिस्सेदारी है। शुक्रवार के कारोबारी सत्र की समाप्ति पर इसका मूल्यांकन करीब 8.7 लाख करोड़ रुपये था। इसके अलावा उसके पास अन्य निवेश व परिसंपत्तियां इस साल मार्च के आखिर में 38,000 करोड़ रुपये की थी। यह जानकारी सालाना रिपोर्ट से मिली। कंपनी के ऊपर कुल 31,400 करोड़ रुपये कर्ज 2019-20 के आखिर में था।
कुल मिलाकर टाटा संस के पास समूह की 16 सूचीबद्ध कंपनियों में सीधी हिस्सेदारी है और उसका बुक वैल्यू 52,500 करोड़ रुपये है। साथ ही 25 असूचीबद्ध कंपनियों मसलन इनफ्निटि रिटेल, एयरएशिया, टाटा कैपिटल, टाटा टेलीसर्विसेज, टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स, टाटा ऑटोकॉम्प, टाटा हाउसिंग, टाटा एआईजी जनरल इंश्योरेंस कंपनी, टाटा रियल्टी ऐंड इन्फ्रास्ट्रक्चर और टाटा एसआईए एयरलाइंस आदि में 23,600 करोड़ रुपये का इक्विटी निवेश है।
इक्विनॉमिक्स रिसर्च ऐंड एडवाइजरी सर्विसेज के संस्थापक व प्रबंध निदेशक जी चोकालिंगम ने कहा, होल्डिंग कंपनी का मूल्यांकन उनके एनएवी से 60-70 फीसदी छूट पर होता है और औसत 45-50 फीसदी होता है। छोटे आकार की कुछ करोड़ रुपये की परिसंपत्ति वाली होल्डिंग कंपनी के मामले में छूट 80 फीसदी तक हो सकती है जबकि बड़ी होल्डिंग कंपनी (तेजी से बढऩे वाली व नकदी संपन्न कंपनियों में अहम हिस्सा) के मामले में 30 फीसदी की छूट हो सकती है।
बिजनेस स्टैंडर्ड के नमूने में शामिल 13 सूचीबद्ध होल्डिंग-कम-ऑपरेटिंग कंपनियों का संयुक्त बाजार पूंजीकरण शुक्रवार को 4.13 लाख करोड़ रुपये था जबकि एनएवी 7.12 लाख करोड़ रुपये। एनएवी पर छूट बॉम्बे बर्मा के मामले में 80 फीसदी तक है जबकि बजाज फिनसर्व व एमऐंडएम के मामले में 10 फीसदी।
आदित्य बिड़ला समूह की मूल कंपनी ग्रासिम इंडस्ट्रीज का बाजार पूंजीकरण करीब 60,000 करोड़ रुपये है जबकि एनएवी 1.35 लाख करोड़ रुपये। ग्रासिम के पास अल्ट्राटेक सीमेंट और आदित्य बिड़ला कैपिटल की बहुलांश हिस्सेदारी है। साथ ही वोडाफोन आइडिया, आदित्य बिड़ला फैशन ऐंड रिटेल और हिंडाल्को इंडस्ट्रीज में गैर-नियंत्रक प्रवर्तक हिस्सेदारी है।
उदाहरण के लिए बजाज होल्डिंग्स ऐंड इन्वेस्टमेंट का बाजार पूंजीकरण 34,120 करोड़ रुपये है जबकि एनएवी 1.07 लाख करोड़ रुपये, जो होलिडंग कंपनी की 68 फीसदी छूट बताता है। यह कंपनी बजाज ऑटो, बजाज फिनसर्व और महाराष्ट्र स्कूटर्स की प्रवर्तक है।
विशेषज्ञों का मानना है कि टाटा संस को अपने समकक्ष के मुकाबले कुछ प्रीमियम मूल्यांकन मिल सकता है क्योंकि यह देश की सबसे बड़ी होल्डिंग कंपनी है और टीसीएस व टाइटन जैसी कंपनियों से उसे बड़ा लाभांश मिलता है। कंपनी ने वित्त वर्ष 20 में समूह की विभिन्न कंपनियों से 24,000 करोड़ रुपये के लाभांश हासिल किया, जो किसी अन्य होल्डिंग कंपनी के मुकाबले ज्यादा है। हालांकि टाटा संस की लाभांश आय का ज्यादातर हिस्सा समूह की कंपनियों मसलन टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, टाटा पावर और टाटा टेली के नुकसान की फंडिंग में होता है। ऐसे में उसके कर्ज में बढ़ोतरी हो रही है या फिर नेटवर्थ या बुक वैल्यू में कम या मामूली बढ़त हो रही है।

First Published : December 14, 2020 | 11:56 PM IST