प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
बेंगलुरु में रहने वाले 53 साल के एक शख्स ने अपनी मेहनत और अनुशासन से 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की बचत की है। उन्होंने अपनी कहानी रेडिट पर ‘Srikavig’ नाम से बिना नाम बताए शेयर की। उनकी पोस्ट को 200 से ज्यादा कमेंट्स और 1,000 से ज्यादा अपवोट्स मिले। उनकी कहानी सादगी और समझदारी से भरी है।
Srikavig साल 2000 में दक्षिण भारत के एक छोटे गाँव से बेंगलुरु आए। उनके पास तब सिर्फ 5,000 रुपये थे। उन्होंने प्रूफरीडर के तौर पर काम शुरू किया। उनकी पहली तनख्वाह थी 4,200 रुपये। 2020 में खराब नजर की वजह से उन्होंने काम छोड़ दिया। उस वक्त उनकी आखिरी तनख्वाह थी 63,000 रुपये।
25 साल तक उन्होंने हर महीने पैसे बचाए। आज उनके पास 1.01 करोड़ रुपये बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट में हैं। इसके अलावा 65,000 रुपये शेयर बाजार में निवेश किए हैं। उन्होंने कभी लोन या क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल नहीं किया। उनका कोई कर्ज नहीं है।
Srikavig अपनी पत्नी और बेटी के साथ बेंगलुरु के बाहरी इलाके में किराए के एक बेडरूम वाले घर में रहते हैं। उनका किराया है 6,500 रुपये। परिवार का महीने का खर्च 25,000 रुपये से कम रहता है। 25 साल में उन्होंने सिर्फ चार बार घर बदला। मकान मालिकों के साथ उनके रिश्ते हमेशा अच्छे रहे।
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Srikavig के पास कभी कार नहीं रही। खराब नजर होने के बावजूद वे पैदल चलते हैं। यह उनकी सेहत का भी राज है। वे आज भी 5 किलोमीटर आसानी से चल या जॉग कर लेते हैं।
उनके फिक्स्ड डिपॉजिट से हर महीने 60,000 रुपये की पैसिव इनकम आती है। यह उनके परिवार के खर्च के लिए काफी है। बची रकम वे फिर से निवेश करते हैं। उनकी बेटी ने हाल ही में नौकरी शुरू की है। वह भी परिवार की बचत में योगदान देती है।
Srikavig कहते हैं कि उनकी कामयाबी का राज है धैर्य, अनुशासन और अच्छी सेहत। वे मानते हैं कि शिक्षा, बुद्धि, सेहत और समय सबसे बड़े धन हैं। सादे मोहल्लों में रहकर उन्होंने “दिखावे के दबाव” से खुद को बचाया। उन्होंने सलाह दी है कि छोटी शुरुआत करें, कर्ज से बचें, खर्च कम रखें और समय के साथ निवेश को बढ़ने दें।