भारत की सबसे बड़ी यात्री वाहन (PV) निर्माता मारुति सुजूकी इंडिया (MSIL) ने वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही में अनुमान से कमजोर वित्तीय प्रदर्शन दर्जकर बाजार को निराश किया है।
भले ही कंपनी का राजस्व एक साल पहले की तिमाही की तुलना में 20 प्रतिशत और तिमाही आधार पर 10 प्रतिशत बढ़कर 32,048 करोड़ रुपये रहा, लेकिन ये आंकड़े बाजार द्वारा पहले से जताए जा रहे अनुमानों से कम हैं।
जहां बिक्री तिमाही आधार पर 10.5 प्रतिशत बढ़ी, वहीं औसत बिक्री कीमत कमजोर उत्पाद मिश्रण की वजह से सुस्त रही। सेमीकंडक्टर की पर्याप्त उपलब्धता नहीं होने की वजह से कंपनी के टॉप-ऐंड वैरिएंट/प्रीमियम मॉडलों की बिक्री प्रभावित हुई, जिससे उसकी प्राप्तियों पर भी नकारात्मक असर देखने को मिला।
हालांकि कंपनी ने वित्त वर्ष 2023 में 19 प्रतिशत की बिक्री वृद्धि दर्ज की है, लेकिन बाजार की नजर नए वाहनों की पेशकश और प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन करने की इस कार निर्माता की क्षमता पर लगी रहेगी।
MSIL की मौजूदा ऑर्डर बुक 4,12,000 वाहन पर रही है। इसे नई पेशकशों और बढ़ती मांग से मदद मिली है। अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के अंत में कंपनी की ऑर्डर बुक हालांकि 3,66,000 वाहन थी।
हालांकि जापानी कंपनी सुजूकी मोटर कॉरपोरेशन की भारतीय सहायक इकाई को चिप किल्लत की वजह से बिक्री में 1,70,000 तक की गिरावट का सामना करना पड़ा, और आगामी तिमाहियों में इसमें नरमी आने का अनुमान है।
हालांकि कंपनी को छोटी कार सेगमेंट की बिक्री सपाट बने रहने का अनुमान है, लेकिन वह वित्त वर्ष 2024 में PV सेगमेंट की वृद्धि दर सुधरकर 5-7 प्रतिशत के दायरे में पहुंचाना चाहती है। शानदार वृद्धि दर स्पोर्ट यूटिलिटी वाहन (SUV) पोर्टफोलियो, सीएनजी से चलने वाले मॉडलों की दमदार बिक्री और उसकी मौजूदा आर्डर बुक में सुधार की वजह से दर्ज की जा सकती है।
कंपनी की एक-तिहाई चालू ऑर्डर बुक सीएनजी-आधारित वाहनों के लिए हैं और केंद्र सरकार द्वारा घरेलू गैस कीमत मूल्य निर्धारण संबंधित दिशा-निर्देशों में संशोधन किए जाने के बाद से गैस कीमतों में नरमी की मदद से मांग बढ़ी है। उदाहरण के लिए, दिल्ली में सीएनजी कीमतें 73.59 रुपये प्रति किलोग्राम पर हैं, जो पिछले साल नवंबर में 90 रुपये प्रति किलोग्राम के ऊंचे स्तरों से करीब 18 प्रतिशत अधिक हैं।
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SUV सेगमेंट की वृद्धि में तेजी लाना कंपनी के लिए जरूरी है। इस सेगमेंट में कंपनी द्वारा पिछले 6 महीनों में ग्रैंड विटारा, जिमनी, और फ्रॉन्क्स को पेश किया गया। कंपनी ने पिछले कुछ वर्षों के दौरान बाजार भागीदारी गंवाई है और SUV सेगमेंट में कमजोर पोर्टफोलियो, एंट्री-लेवल सेगमेंट के सुस्त प्रदर्शन और पर्याप्त वाहन पेशकशों के अभाव की वजह से उसके शेयर का प्रदर्शन प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले कमजोर रहा है। ब्रोकरों का मानना है कि भविष्य में इन हालात में बदलाव आ सकता है।
जेएम फाइनैंशियल रिसर्च के विश्लेषकों विवेक कुमार और रौनक मेहता का कहना है, ‘जिमनी और फ्रॉन्क्स की पेशकश के साथ, MSIL ने बी-सेगमेंट (हैचबैक) में अपना दबदबा बढ़ाने और वित्त वर्ष 2024 में SUV में अपनी पहचान मजबूत बनाने का लक्ष्य रखा है।’ उनका कहना है, ‘लगातार दो वर्षों तक बाजार भागीदारी नुकसान के बाद, हमारा मानना है कि MSIL अब बाजार भागीदारी में सुधार की ओर बढ़ रही है, क्योंकि उसे नई पेशकशों से मदद मिलेगी।’
पिछले ऑर्डरों (जिमनी और फ्रॉन्क्स को प्राप्त) और नई पेशकशों को देखते हुए कंपनी द्वारा वित्त वर्ष 2024 में SUV सेगमेंट में अपनी भागीदारी बढ़ाकर 25 प्रतिशत करने की योजना बनाई है, जो पिछले साल इसके मुकाबले आधा थी। कंपनी को वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही में बाजार भागीदारी बढ़ाकर 18 प्रतिशत करने में मदद मिली है। MSIL के लिए घरेलू PV बाजार भागीदारी वित्त वर्ष 2023 में 42.9 प्रतिशत रही, जो 2021-22 के मुकाबले 210 आधार अंक कम है।
जहां बिक्री में सुधार और बाजार भागीदारी वृद्धि बड़े कारक होंगे, वहीं बाजार मार्जिन पर भी नजर बनाए रहेगा। सकल मार्जिन विपरीत उत्पाद मिश्रण और विदेशी मौद्रिक प्रभाव की वजह से तिमाही आधार पर 60 आधार अंक घटकर 26.7 प्रतिशत रह गया। हालांकि परिचालन दक्षता से कंपनी का परिचालन मुनाफा मार्जिन 70 आधार अंक तक बढ़कर 10.5 प्रतिशत पर दर्ज किया गया, लेकिन यह बाजार अनुमानों से कुछ कम है।
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अल्पावधि में, जिंस लागत में वृद्धि (इस्पात कीमतों) , चिप किल्लत और विदेशी मौद्रिक उतार-चढ़ाव से नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। मार्जिन वृद्धि की रफ्तार भी कीमतों में तेजी और लागत बचत पर आधारित होगी।
वित्तीय नतीजे पेश किए जाने के बाद से MSIL का शेयर 1.3 प्रतिशत तक चढ़ा है। इसमें और तेजी बाजार भागीदारी में सुधार पर निर्भर करेगी। कई ब्रोकरों ने इस शेयर को ‘खरीदें’ रेटिंग दी है।
रिलायंस सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषकों मितुल शाह और आरती गर्ग का कहना है, ‘मजबूत उत्पाद पोर्टफोलियो, मार्जिन वृद्धि की संभावना, निर्यात में सुधार और मजबूत प्रतिफल अनुपात को देखते हुए हमने इस शेयर के लिए खरीदें रेटिंग बरकरार रखी है।’