Maruti Suzuki AGM: देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजूकी इंडिया अपनी उत्पादन क्षमता दोगुनी यानी सालाना 40 लाख कार तक पहुंचाने के लिए अगले 8 साल में करीब 45,000 करोड़ रुपये का निवेश कर सकती है। मारुति सुजूकी के चेयरमैन आरसी भार्गव ने कंपनी की 42वीं सालाना आम बैठक में आज इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कंपनी बोर्ड बैठक में शेयर विभाजन के बारे में शेयरधारकों के सुझावों पर भी विचार करेगी।
भार्गव ने कहा, ‘हम शेयर विभाजन के मसले को दोबारा बोर्ड बैठक में उठाएंगे। मैं मानता हूं कि इससे शेयर खरीदने की लोगों की क्षमता बढ़ेगी क्योंकि इस समय मारुति का एक शेयर 10,000 रुपये के आसपास है।’ उन्होंने दावा किया कि शेयर विभाजन से कंपनी के प्रदर्शन और शेयरों में निवेश पर रिटर्न ज्यादा प्रभावित नहीं होगा। मारुति सुजूकी का शेयर बंबई स्टॉक एक्सचेंज पर 0.4 फीसदी बढ़त के साथ 9,634 रुपये पर बंद हुआ।
Also read: सुजूकी मोटर कॉरपोरेशन को तरजीही आधार पर शेयर जारी करेगी Maruti
अपनी महत्त्वाकांक्षी ‘मारुति 3.0’ योजना लागू करने के बारे में भार्गव ने कहा कि उन्हें मारुति सुजूकी इंडिया को नए सिरे से व्यवस्थित करना होगा और विभिन्न तरह के ईंधन ये चलने वाले वाहनों जैसे इलेक्ट्रिक वाहनों, हाइब्रिड वाहनों, सीएनजी तथा एथनॉल वाहनों आदि पर ध्यान केंद्रित करना होगा। भार्गव ने गुजरात संयंत्र में सुजूकी मोटर की 100 फीसदी हिस्सेदारी का अधिग्रहण करने के लिए प्रवर्तक कंपनी सुजूकी मोटर कॉर्पोरेशन को तरजीही शेयर जारी करने के निर्णय को सही बताया। 31 जुलाई को मारुति सुजूकी ने घोषणा की थी कि वह सुजूकी मोटर गुजरात में सुजूकी मोटर कॉर्पोरेशन की समूची हिस्सेदारी ले लेगी।
शेयरधारकों को संबोधित करते हुए भार्गव ने कहा कि मारुति सुजूकी ने 40 साल में सालाना 20 लाख वाहन बनाने और बेचने की क्षमता हासिल कर ली है और अगले 8 साल में 20 लाख वाहनों की क्षमता जोड़ने की तैयारी चल रही है। मारुति ने अपनी मारुति 3.0 योजना के तहत सालाना कारोबार दोगुना करने का लक्ष्य रखा है और वित्त वर्ष 2030-31 तक 28 अलग-अलग वाहन बाजार में लाएगी, जिनमें 6 इलेक्ट्रिक वाहन होंगे।
भार्गव ने कहा, ‘वास्तव में हम छोटी कार ही बनाते थे और अब हमें खुद को बदलना होगा क्योंकि नियामकीय तथा अन्य वजहों से छोटी कारों का बाजार सिकुड़ रहा है और एसयूवी का बाजार बढ़ रहा है।’ उन्होंने कहा, ‘हम इस बदलाव के साथ तालमेल बिठा रहे हैं और आपको भरोसा दिलाते हैं कि आने वाले वर्षों में हम अपनी बाजार हिस्सेदारी दोबारा हासिल करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।’
Also read: 2030-31 तक 5 लाख इलेक्ट्रिक कारें बेचेगी मारुति: Maruti Suzuki चेयरमैन
मारुति सुजूकी के चेयरमैन ने कहा, ‘हमारे सामने बहुत ही अनिश्चित और चुनौती भरा दौर है। उत्पादन क्षमता में 20 लाख कार का इजाफा करने पर करीब 45,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। आंकड़ा महंगाई की चाल पर निर्भर करेगा मगर हमारा अनुमान है कि 20 लाख कारों के अतिरिक्त उत्पादन के लिए हमें 45,000 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे।’
उन्होंने कहा कि मारुति सुजूकी के निर्णय शेयरधारकों के हित में रहे हैं। भार्गव ने कहा कि पारदर्शी व्यवस्था, किफायती प्रबंधन और नकद सौदा नहीं करने से मारुति सुजूकी को शुरुआती दौर में ही मुनाफे में आने में मदद मिली और इसके नकदी भंडार को भी बढ़ाने में मदद मिली है।
भार्गव ने कहा कि विशेषज्ञ अक्सर कहते हैं कि नकदी का उपयोग नहीं करने से शेयरधारकों के मूल्य में कमी आती है। उन्होंने कहा, ‘मुझे यह तर्क कभी समझ नहीं आया। जरूरी नहीं कि यह हमारे मामले में यह पूरी तरह सही हो।’
उन्होंने 2014 में अल्पांश शेयरधारकों की नाराजगी याद की, जब सुजूकी मोटर ने गुजरात में विनिर्माण कारखाना लगाने और लागत से अधिक कीमत पर मारुति को कार देने का निर्णय किया था। भार्गव ने कहा कि उस समय कंपनी के पास 13,000 करोड़ रुपये की नकदी थी, जो अब बढ़कर 46,000 करोड़ रुपये हो गई है और मार्च 2023 को कंपनी का पीई अनुपात 30 हो गया, जो वाहन दिग्गज टेस्ला के बाद दुनिया में सबसे अच्छी वित्तीय स्थिति है। कंपनी मारुति 3.0 योजना लागू करने में इस नकदी का उपयोग करेगी।