सर्वोच्च न्यायालय के अनुकूल फैसले के साथ टाटा समूह चार्टर्ड अकाउंटेंट वाईएच मालेगाम के मूल्यांकन के आधार पर मिस्त्री परिवार को टाटा संस से बाहर होने की पेशकश कर सकता है। मालेगाम ने 2016 में टाटा संस का मूल्यांकन 3.14 लाख करोड़ रुपये निर्धारित किया था।
वरिष्ठ वकील एचपी रैना ने कहा, ‘मालेगाम द्वारा 2016 में किए गए मूल्यांकन को ताजा शेयर भाव के मद्देनजर अद्यतन करते हुए मिस्त्री परिवार को बाहर होने का विकल्प दिया जा सकता है।’ साल 2016 में टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस में मिस्त्री परिवार की 18.4 फीसदी हिस्सेदारी का मूल्यांकन 57,600 करोड़ रुपये किया गया था लेकिन मिस्त्री परिवार ने टाटा के ब्रांड मूल्य को ध्यान में रखते हुए पिछले साल 1.75 लाख करोड़ रुपये के मूल्यांकन की बात की थी।
सर्वोच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि मिस्त्री परिवार के हिस्सेदारी का मूल्य मार्च 2016 में लगभग 58,441 करोड़ रुपये था जबकि इन शेयरों का खरीद मूल्य 69 करोड़ रुपये था। इसके अलावा, 1991 से 2016 की अवधि के दौरान, एसपी समूह को 872 करोड़ रुपये के कुल लाभांश प्राप्त हुए थे और इस प्रकार एसपी समूह को काफी लाभ हुआ। मिस्त्री परिवार ने 1965 में टाटा संस में हिस्सेदारी खरीदी थी और 1980 में उसे निदेशक मंडल में सीट की पेशकश की गई थी।
रैना ने कहा, ‘सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद मिस्त्री परिवार के पास टाटा समूह की पेशकश को स्वीकार करने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं बचा है। उसके पास दूसरा विकल्प यह है कि टाटा संस से हर साल लाभांश हासिल करता रहे।’ सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई के दौरान टाटा संस के वकील हरीश साल्वे ने मिस्त्री परिवार के शेयरों का मूल्यांकन 80,000 करोड़ रुपये आंका था जबकि मिस्त्री परिवार अधिक मूल्यांकन की लगातार मांग करता रहा है।
अलायंस लॉ के मैनेजिंग पार्टनर आरएस लूना ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद मिस्त्री परिवार को टाटा संस में अपनी हिस्सेदारी का अधिक मूल्य हासिल करने के लिए रास्ते तलाशने होंगे। उन्होंने कहा, ‘टीएसएल शेयरों का मूल्यांकन एक जटिल प्रक्रिया है और मालेगाम द्वारा किया गया पिछला मूल्यांकन काम शुरू करने के लिए एक अच्छा आधार प्रस्तुत करता है।’
