देश की सबसे बड़ी इंजीनियरिंग कंपनी लार्सन ऐंड टुब्रो (एलऐंडटी) ने फ्रांस की कंपनी लाफार्ज एसए को अपना कंक्रीट आरएमसी कारोबार बेचने से मिलने वाली रकम खर्च करने की योजना भी बना ली है।
इससे मिलने वाली अपने कंक्रीट कारोबार की बिक्री से प्राप्त तकरीबन 1400 करोड़ रुपये की राशि को अपने निर्माण एवं मशीनरी व्यापार के विस्तार पर खर्च करेगी। कंपनी के प्रमुख वित्तीय अधिकारी यशवंत एम. देवस्थली ने कहा कि बिक्री से प्राप्त हुए कोष का इस्तेमाल इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स खंड और जहाजों के निर्माण पर भी किया जाएगा।
लार्सन अगले दो वर्षों में निवेश के लिए कोष जुटाने के लिए कम महत्व वाली कुछ इकाइयां बेच रही है। कंपनी 2012 तक और अधिक सड़कों, बंदरगाहों एवं पुलों के निर्माण के लिए 20,000 अरब रुपये के खर्च वाली सरकारी योजना से लाभान्वित होना चाहती है।
मुंबई की नेटवर्थ स्टॉक ब्रोकिंग लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक राज भंडारी ने कहा, ‘कंपनी भारत की तेज आर्थिक विकास दर से लाभ उठाना जारी रखेगी। इसके रास्ते में मुद्रास्फीति और वैश्विक आर्थिक मंदी जैसी कुछ बाधाएं भी सामने आ सकती हैं, लेकिन हम लार्सन के प्रति आश्वस्त हैं, क्योंकि भारत को और अधिक सड़कों, बंदरगाहों और इमारतों के निर्माण की जरूरत है।’
भारत के औद्योगिक उत्पादन में मार्च में 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई जो 2002 के बाद से अब तक सबसे धीमी बढ़ोतरी है। वहीं मुद्रास्फीति बढ़ कर 7.61 प्रतिशत हो गई जो तीन वर्षों से भी अधिक की अवधि में सर्वाधिक तेजी से बढ़ी है।
देवस्थली ने कहा, ‘हम मंदी को लेकर परेशान भी नहीं हैं। हमारा ऑर्डर बुक पूरा है और कारोबार में अभी असीम संभावनाएं मौजूद हैं।’ उन्होंने कहा कि कंपनी पश्चिम एशियाई कारोबार को बढ़ा कर अगले दो वर्षों में कुल राजस्व में इसके 17 प्रतिशत के योगदान को 25 प्रतिशत पर पहुंचाना चाहती है।