आरंभिक सार्वजनिक निर्गम पेश करने जा रही भारतीय जीवन बीमा निगम का शुद्ध लाभ वित्त वर्ष 2022 की पहली छमाही में बढ़कर 1,437 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो पिछले साल की समान अवधि में 6.14 करोड़ रुपये रहा था। मुनाफे में तीव्र बढ़ोतरी को निवेश पर आय में 12 फीसदी की बढ़ोतरी से सहारा मिला जबकि बीमा कंपनी के शुद्ध अर्जित प्रीमियम में बढ़त की रफ्तार सुस्त रही।
वित्त वर्ष 2021 में सरकारी स्वामित्व वाली बीमा दिग्गज का शुद्ध लाभ 2,906.77 करोड़ रुपये रहा था और वित्त वर्ष 2020 में कंपनी का लाभ 2,721.7 करोड़ रुपये रहा था।
कंपनी का शुद्ध प्रीमियम (अर्जित प्रीमियम में पुनर्बीमा फर्मों को दिए गए प्रीमियम को घटाकर) 0.91 फीसदी की बढ़त के साथ वित्त वर्ष 22 की पहली छमाही में 1.86 लाख करोड़ रुपये रहा। बीमा कंपनी की निवेश पर आय सालाना आधार पर 12 फीसदी की बढ़त के साथ 1.49 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई, जो एक साल पहले की समान अवधि में 1.33 लाख करोड़ रुपये रही थी।
1.49 लाख करोड़ रुपये की निवेश आय में से करीब 1.24 लाख करोड़ रुपये ब्याज, लाभांश और किराए से मिली, वहींं 23,146 करोड़ रुपये निवेश की बिक्री पर लाभ से और 1,752.63 करोड़ रुपये फेयर वैल्यू में बदलाव से मिले फायदे से हासिल हुए।
इस बीच बीमा कंपनी की सकल गैर-निष्पादित आस्तियों का अनुपात डेट पोर्टफोलियो में घटकर सितंबर तिमाही के आखिर में 6.57 फीसदी रह गया। मार्च 2021 के आखिर में सकल एनपीए 7.78 फीसदी रहा था। वित्त वर्ष 22 की पहली छमाही के आखिर में कंपनी का शुद्ध एनपीए 0.05 फीसदी था, जो वित्त वर्ष 21 के आखिर में भी इतना ही था।
उसका 13 महीने का परसिस्टेंसी रेश्यो (जो कुल पॉलिसी के लिहाज से रीन्यूअल प्रीमियम देना जारी रखने वाले पॉलिसीधारकों का अनुपात है) में 180 आधार अंकों की गिरावट आई और पहली छमाही में यह 67.50 फीसदी रह गया, जो एक साल पहले 69.50 फीसदी रहा था। वित्त वर्ष 21 के आखिर में पॉलिसी के लिहाज से परसिस्टेंसी रेश्यो 67 फीसदी ता। सालाना प्रीमियम के लिहाज से यह अनुपात वित्त वर्ष 21 की पहली छमाही के आखिर में 78.80 फीसदी था, जो एक साल पहले 86.60 फीसदी रहा था।
निवेश से एलआईसी को मिलने वाला प्रतिफल वित्त वर्ष 22 की पहली छमाही में घटकर 7.17 फीसदी रह गया, जो वित्त वर्ष 21 में 7.42 फीसदी और वित्त वर्ष 21 की पहली छमाही के आखिर में 7.24 फीसदी रहा था। साथ ही उसकी शेयर पूंजी आईपीओ से पहले पहली छमाही में बढ़कर 6,325 करोड़ रुपये पर पहुंच गई।
सरकारी बीमा दिग्गज अपना आईपीओ इस साल मार्च में पेश कर सकतीहै और वह कुछ दिनों के भीतर बाजार नियामक सेबी के पास विवरणिका का मसौदा जमा करा सकती है। सरकार एलआईसी के आईपीओ से करीब 1 लाख करोड़ रुपये जुटा सकती है। इस रकम से सरकार को मौजूदा वित्त वर्ष के लिए 1.75 लाख करोड़ रुपये के विनिवेश लक्ष्य को पूरा करने में काफी मदद मिलेगी।
रिपोर्ट बताती है कि सरकार की तरफ से नियुक्त एक्चुअरी ने एलआईसी की एम्बेडेड वैल्यू 4 से 5 लाख करोड़ रुपये आंका है।