एलआईसी का आईपीओ अप्रैल के मध्य तक आने के आसार

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 8:45 PM IST

सरकार सरकारी क्षेत्र की बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम  (एलआईसी) का आईपीओ अप्रैल के मध्य तक लाने जा रही है जो देश का अब तक सबसे बड़ा आईपीओ होगा। दो सरकारी सूत्रों ने इस बात की तस्दीक की है कि एलआईसी का आईपीओ लाने में देरी के बाद सरकार इसे सूचीबद्घ कराकर 8 अरब डॉलर से अधिक रकम जुटाने का लक्ष्य लेकर चल रही है।
सरकार इस रकम को जुटाने के लिए देश की इस सबसे बड़ी बीमा कंपनी की 5 फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी। सरकार की योजना 31 मार्च को वित्त वर्ष की समाप्ति पर इसे लॉन्च करने की थी लेकिन रूस और यूक्रेन के बीच युद्घ छिडऩे के बाद वित्तीय बाजारों में भारी उतार-चढ़ाव को देखते हुए सरकार ने इसे थोड़े समय के लिए टालने का निर्णय लिया।
सूचीबद्घता योजनाओं की सीधी जानकारी रखने वाले एक सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘इस बात की बहुत अधिक संभावना है कि अब अप्रैल के मध्य तक एलआईसी को सूचीबद्घ किया जाएगा।’ अधिकारी ने कहा, ‘बाजार की परिस्थितियों पर हम करीब से नजर रख रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि फरवरी के अंत में रूस और यूक्रेन के बीच युद्घ शुरू होने से स्टॉक मार्केट में आए शुरुआती झटकों के बाद इसमें स्थिरता आएगी। यूक्रेन संकट के कारण आईपीओ लाने में हुई देरी एशिया के पूंजी बाजारों में बड़ी घटनाओं में से एक है क्योंकि इसे इस साल वैश्विक स्तर पर सबसे बड़े बीमा आईपीओ में से एक बताया जा रहा था। एक अन्य सरकारी अधिकारी ने कहा कि सरकार की नजर अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा अपेक्षित मौद्रिक कड़ाई पर भी रहेगी क्योंकि इसकी वजह से विदेशी निवेशकों द्वारा धन निकासी से भारतीय शेयर बाजारों में बहुत बुरा असर पड़ सकता है। मोटे तौर पर यह उम्मीद की जा रही है कि बुधवार को दो दिवसीय नीतिगत बैठक के समापन पर फेड एक प्रतिशत अंक के चौथाई के बराबर ब्याज दरों में इजाफा कर सकता है। दूसरे सरकारी सूत्र ने कहा, ‘सरकार अस्थिरता सूचकांक पर भी नजर बनाए हुए है और वह चाहती है कि एलआईसी के आईपीओ को लॉन्च करने से पहले के एक हफ्ते के लिए यह 15 फीसदी के करीब रहे।’ दोनों सूत्रों ने पहचान जाहिर करने से इनकार कर दिया क्योंकि सरकार की आंतरिक चर्चाओं के बारे में मीडिया से बातचीत करने के लिए वे अधिकृत नहीं हैं। वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
पहले अधिकारी ने कहा कि एलआईसी की सूचीबद्घता को 1 अप्रैल से शुरू होने जा रहे अगले वित्त वर्ष के लिए टालने से आगामी वित्त वर्ष में जीडीपी के 6.4 फीसदी के राजकोषीय घाटा लक्ष्य को पूरा करने में भी सरकार को मदद मिलेगी क्योंकि आईपीओ से हासिल हुई रकम से उसके राजस्व को मजबूती मिलेगी। 

First Published : March 14, 2022 | 11:37 PM IST