रिलायंस रिटेल में केकेआर के 5,550 करोड़

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 15, 2022 | 1:24 AM IST

रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) ने आज कहा कि प्राइवेट इक्विटी फर्म केकेआर उसकी सहायक इकाई रिलायंस रिटेल में 1.28 फीसदी हिस्सेदारी लेने के लिए 5,550 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इससे पहले पीई फर्म सिल्वर लेक ने कहा था कि वह रिलायंस रिटेल में 1.75 फीसदी हिस्सेदारी के लिए 7,500 करोड़ रुपये का निवेश कर सकती है।
रिलायंस रिटेल को इन दो सौदों से करीब 13,050 करोड़ रुपये मिलेंगे लेकिन दोनों सौदों में कंपनी का मूल्यांकन 4.2 लाख करोड़ रुपये ही रहा है। इस क्षेत्र पर नजर रखने वाले विश्लेषकों का कहना है कि रिलायंस रिटेल की भविष्य की योजनाओं को देखते हुए मूल्यांकन कम से कम 4.5 लाख करोड़ रुपये होना चाहिए।
रिलायंस रिटेल देश में संगठित क्षेत्र की सबसे बड़ी रिटेल कंपनी है। कंपनी ने हाल ही में फ्यूचर समूह के रिटेल, होलसेल और लॉजिस्टिक्स संपत्तियों को करीब 25,000 करोड़ रुपये में खरीदने की घोषणा की है।
आरआईएल के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने कहा कि केकेआर मूल्यवान साझेदार है और वह भारतीय बाजार को लेकर प्रतिबद्घ है। आरबीआई का शेयर बीएसई पर 0.83 फीसदी चढ़कर 2,229.55 रुपये पर बंद हुआ।
केकेआर के लिए आरआईएल की सहायक इकाई में यह दूसरा निवेश होगा। इससे पहले केकेआर ने इसी साल जियो प्लेटफॉम्र्स में 11,367 करोड़ रुपये का निवेश किया था। रिलायंस रिटेल ने जियो प्लेटफॉम्र्स के निवेशकों को विकल्प दिया था कि वह उसमें निवेश पर विचार करें क्योंकि कंपनी अपने मूल्यांकन का आकलन करना चाहती है।
अबु धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी और मुबादला जैसे निवेशक भी कंपनी में निवेश कर सकते हैं। हालांकि रिलायंस के प्रवक्ता ने कहा कि वह बाजार की अटकलों पर टिप्पणी नहीं कर सकते हैं। प्रवक्ता ने कहा, ‘हमारी नीति मीडिया की अटकलों और बाजार की अफवाहों पर प्रतिक्रिया देरने की नहीं है। हमारी कंपनी निरंतर विभिन्न अवसरों का मूल्यांकन करती रहती है। बाजार नियामक सेबी और एक्सचेंज के नियमों के मुताबिक हम जरूरी जानकारियों का खुलासा करते रहते हैं।’ अंबानी ने जुलाई में कंपनी की सालाना आम बैठक में कहा था कि आरआईएल की संचयी एबिटा में जियो और रिलायंस रिटेल का योगदान करीब 35 फीसदी रहा है।
रिलायंस ने जियो प्लेटफॉम्र्स में 14 निवेशकों को 33 फीसदी हिस्सेदारी बेचकर करीब 1.52 लाख करोड़ रुपये जुटाए हैं। ऐसा करने वाली वह देश की पहली कंपनी है जिसने लॉकडाउन के दौरान इतनेे व्यापक स्तर पर मुद्रीकरण किया है।
अंबानी ने सालाना आम बैठक में संकेत दिया था कि वैश्विक साझेदार और निवेशक रिलायंस रिटेल में निवेश करने के लिए इच्छुक हैं और आने वाली तिमाहियों में रिलायंस रिटेल में इनका निवेश हो सकता है।

First Published : September 24, 2020 | 12:47 AM IST