कंपनियां

म्हाडा संग मुंबई इलाके का पुनर्विकास करेगी कीस्टोन

11.19 एकड़ (45,308 वर्ग मीटर) क्षेत्र वाली परियोजना से 1,200 सोसायटी सदस्यों का पुनर्वास होगा और कीस्टोन के लिए  20.7 लाख वर्ग फुट का बिक्री योग्य क्षेत्र उपलब्ध होगा।

Published by
प्राची पिसल   
Last Updated- July 01, 2025 | 10:45 PM IST

कीस्टोन रियलटर्स (रुस्तमजी ग्रुप) को मुंबई के सायन कोलीवाड़ा के जीटीबी नगर में 25 इमारतों के पुनर्विकास के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है । इनका सकल विकास मूल्य (जीडीवी) 4,521 करोड़ रुपये है। कीस्टोन महाराष्ट्र गृहनिर्माण व क्षेत्र विकास प्राधिकरण (म्हाडा) के सहयोग से इस परियोजना पर काम करेगी। उसने कंपनी को स्वीकृति पत्र (एलओए) दे दिया है।

11.19 एकड़ (45,308 वर्ग मीटर) के भूखंड क्षेत्र वाली इस परियोजना से लगभग 1,200 सोसायटी सदस्यों का पुनर्वास होगा और कीस्टोन के लिए लगभग 20.7 लाख वर्ग फुट का बिक्री योग्य क्षेत्र उपलब्ध होगा।

स्वतंत्रता के बाद के प्रवासियों के लिए साल 1958 में निर्मित जीटीबी नगर की इमारतों को साल 2020 में बृहन्मुंबई नगर निगम ने असुरक्षित घोषित कर दिया था और बाद में ध्वस्त कर दिया। निवासियों को खुद ही वैकल्पिक आवास की तलाश करनी पड़ी। किरायेदारों की समितियों की अपील के जवाब में राज्य सरकार ने निजी स्वामित्व वाली भूमि होने के बावजूद म्हाडा के जरिये इस जगह के पुनर्विकास को मंजूरी दे दी।

राज्य मंत्रिमंडल ने 14 फरवरी, 2024 की बैठक में विकास नियंत्रण और संवर्धन विनियमन के नियम 33(9) के तहत निर्माण और विकास एजेंसी की नियुक्ति के जरिये पुनर्विकास प्रस्ताव को मंजूरी दी। 23 फरवरी, 2024 को संबंधित सरकारी आदेश जारी किया गया जिसमें इस परियोजना के निष्पादन के लिए म्हाडा को विशेष योजना प्राधिकरण के रूप में नामित किया गया।

इस परियोजना से संबंधित कानूनी याचिकाएं बंबई उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय तक पहुंच चुकी थीं। म्हाडा ने कहा, ‘इस मामले में सर्वोच्चय न्यायालय के ऐतिहासिक फैसले ने म्हाडा के लिए भविष्य में इसी तरह की परियोजनाएं शुरू करने की राह खोल दी है।’

म्हाडा के प्रस्ताव के अनुसार 4.5 का न्यूनतम फ्लोर स्पेस इंडेक्स (एफएसआई) उपलब्ध होगा जिसमें अतिरिक्त एरिया सहित भी शामिल है। प्रत्येक पात्र परिवार को 635 वर्ग फुट का मुफ्त मकान मिलेगा। इसके अतिरिक्त म्हाडा को आवास स्टॉक के रूप में 25,700 वर्ग मीटर का निर्मित स्थान मिलेगा।

जब तक परियोजना पूरी नहीं हो जाती, म्हाडा पात्र किरायेदारों को 20,000 रुपये का मासिक किराया देगा। पुनर्विकास के बाद राज्य के स्वामित्व वाली एजेंसी पांच साल के रखरखाव शुल्क प्रदान करेगी।

 

First Published : July 1, 2025 | 10:19 PM IST