जिंदल स्टेनलेस ने तैयार की व्यय योजना

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 8:32 AM IST

जिंदल स्टेनलेस (हिसार) लिमिटेड के विलय के बाद जिंदल स्टेनलेस लिमिटेड ने घरेलू बाजार में दिख रही दमदार मांग को भुनाने के लिए अपनी पूंजीगत व्यय योजना तैयार की है।
जिंदल स्टेनलेस के प्रबंध निदेशक अभ्युदय जिंदल ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘हमने अगले 2 से 3 वर्षों के दौरान 2,000 से 3,000 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय की योजना तैयार की है क्योंकि हम अपने ओडिशा संयंत्र की क्षमता दोगुनी करना चाहते हैं। पूंजीगत व्यय का पूरा वित्त पोषण आंतरिक संसाधनों से किया जाएगा।’ फिलहाल इस ओडिशा संयंत्र में जिंदल स्टेनलेस की क्षमता 11 लाख टन है जबकि हिसार में 8 लाख टन क्षमता का विशेष उत्पाद बनाने वाला संयंत्र है।
जिंदल ने कहा, ‘पिछले कुछ वर्षों के दौरान हमने अपनी आपूर्ति शृंखला को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित किया है। सस्ते आयात के कारण पिछले कुछ समय से कारोबार करना मुश्किल हो रहा था। इसलिए हमें लॉजिस्टिक्स, दूरदराज के क्षेत्रों और आपूर्ति शृंखला के अन्य हिस्सों तक डिलिवरी सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करना पड़ा। लेकिन अब मांग में तेजी के मद्देनजर क्षमता विस्तार के लिए बिल्कुल उपयुक्त समय है।’ उन्होंने कहा कि सस्ते आयात के कारण काफी नुकसान हो रहा है और यह स्टेनलेस स्टील उद्योग के लिए सबसे बड़ा खतरा बना हुआ है।
वित्त वर्ष 2021 के लिए कंपनी के राजस्व में करीब 10 फीसदी की गिरावट दिख रही है क्योंकि वित्त वर्ष के पहले कुछ महीनों के दौरान वैश्विक महामारी के कारण कारोबार लगभग थम गया था। हालांकि प्रबंधन ने उम्मीद जताई है कि वित्त वर्ष 2022 में एबिटा 12,000-13,000 रुपये प्रति टन से बढ़कर 14,000-16,000 रुपये प्रति टन हो सकती है।
जिंदल ने कहा, ‘हमारा करीब 60 फीसदी राजस्व निश्चित है क्योंकि इसके लिए हमारे व्यापार चैनल भागीदारों के साथ एक समझौता पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर हो चुके हैं। इससे मात्रात्मक बिक्री सुनिश्चित होती है। इसके अलावा हम राजस्व की हर श्रेणी में 10 से 12 फीसदी की मांग देख रहे हैं और इसलिए आगामी तिमाहियों के दौरान प्राप्तियों में भी इजाफा होना चाहिए।’
कंपनी का ओडिशा संयंत्र बुनियादी ढांचा, रेलवेा और वाहन अधिक मात्रात्मक खपत वाले क्षेत्रों को आपूर्ति करता है। जबकि हिसार संयंत्र मुख्य रूप से स्टेनलेस स्टील का उत्पादन करता है। जिंदल ने कहा, ‘रेलवे से मांग बरकरार रहने की उम्मीद है। वास्तव में बुनियादी ढांचे पर सरकार द्वारा जोर दिए जाने से हमें अपने निर्यात में कटौती करनी होगी। इसलिए वित्त वर्ष 2022 में हमें घरेलू बाजार पर अधिक ध्यान केंद्रित करना होगा।’
इस बीच, पिछले कुछ महीनों के दौरान घरेलू बाजार में इस्पात की मांग में 50 से 60 की वृद्धि दर्ज की गई है। जबकि स्टेनलेस स्टील की कीमतों में करीब 18 फीसदी की वृद्धि हुई है। जहां तक ऋण का सवाल है तो एकीकृत कंपनी ने 31 मार्च 2021 तक अपने ऋण बोझ को घटाकर 3,500 करोड़ रुपये करने का लक्ष्य रखा है जो 31 मार्च 2020 को 4,700 करोड़ रुपये था।

First Published : February 9, 2021 | 12:01 AM IST