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आईपीएल के बाद टीवी विज्ञापन बाजार में सुस्ती के आसार

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 14, 2022 | 9:09 PM IST

टेलीविजन विज्ञापनों की आवक इस साल नवंबर और दिसंबर में सुस्त पडऩे के आसार हैं। यह अनुमान शीर्ष मीडिया एजेंसियां और विशेषज्ञ जता रहे हैं। देश में सबसे लोकप्रिय खेल आयोजनों में एक इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के समय टीवी विज्ञापनों की आवक पांच साल के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गई थी।
नवंबर और दिसंबर में विज्ञापन सुस्त रहने की वजह इस साल त्योहारी सीजन विज्ञापनों और आईपीएल का अनोखा मेल है। इसके चलते कंपनियों ने सितंबर-अक्टूबर और नवंबर के पहले 10 दिनों के दौरान विज्ञापन पर खूब पैसा खर्च किया ताकि उन्हें खर्च किए जाने वाले पैसे का ज्यादा से ज्यादा फायदा मिल सके।
विशेषज्ञों का कहना है कि अब आईपीएल समाप्त हो चुका है। इस वजह से अब ऐसे बहुत से लोकप्रिय कार्यक्रम नहीं हैं, जो दर्शकों को लुभा सकें। एलारा कैपिटल के उपाध्यक्ष (अनुसंधान) करण तौरानी ने कहा, ‘इस समय टेलीविजन पर कौन बनेगा करोड़पति है, जो जल्द ही समाप्त हो जाएगा और उसकी जगह इंडियन आइडल शुरू होगा। बिग बॉस कुछ समय चलता रहेगा। खेल चैनलों पर भारत-ऑस्ट्रेलिया प्रसारित होगी।’
तौरानी कहते हैं, ‘ये कार्यक्रम विज्ञापन के लिहाज से पर्याप्त नहीं होने के आसार हैं। मेरा मानना है कि विज्ञापनों की अगली बहार मार्च-अप्रैल में आएगी। उस समय आईपीएल का 2021 संस्करण शुरू होगा।’ मीडिया विशेषज्ञों का मानना है कि वॉल्यूम के लिहाज से टेलीविजन विज्ञापन नवंबर और दिसंबर में कम से कम पांच से आठ फीसदी कम रहने के आसार हैं। इससे कुल विज्ञापन वृद्धि दर पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है।
सलाहकार कंपनी केपीएमजी ने हाल में एक रिपोर्ट में कहा था कि टीवी विज्ञापन में वित्त वर्ष 2021 के दौरान नौ फीसदी गिरावट आएगी। इस पर कोविड-19 महामारी और विज्ञापनदाताओं के विज्ञापन बजट कम करने का असर पड़ेगा। रिपोर्ट में कहा गया कि इसका एकमात्र अपवाद आईपीएल होगा, जिसमें विज्ञापन से खूब पैसा आएगा क्योंकि इसका आयोजन त्योहारी सीजन के आसपास हो रहा है।
अनुमान है कि प्रसारक स्टार-डिज्नी ने आईपीएल के 2020 संस्करण से 2,500 करोड़ रुपये से अधिक विज्ञापन राजस्व कमाया है, जो पिछले साल आईपीएल के विज्ञापन राजस्व 2,100 करोड़ रुपये से अधिक है।
मीडिया बायर्स ने कहा कि अगस्त में मुख्य प्रायोजक वीवो के टूर्नामेंट से हटने और दुबई में आईपीएल के आयोजन में लॉजिस्टिक चुनौतियों के बावजूद स्टार स्पोट्र्स ने इस साल विज्ञापन की दरें पिछले साल के मुकाबले 25 से 30 फीसदी बढ़ाईं। स्टार स्पोट्र्स की विज्ञापन दरें इस बार 12 से 13 लाख रुपये प्रति 10 सेकंड रही।
उद्योग के सूत्रों ने कहा कि प्रसारक 2020 के संस्करण में रिकॉर्ड 110 विज्ञापनदाताओं को जोडऩे में सफल रहा। इसने इस साल 18 प्रायोजक जोड़े, जिनमें पांच सह-प्रायोजक और 13 सहायक प्रायोजक शामिल थे।
सह-प्रायोजक बनने के लिए जो कंपनियां आगे आईं, उनमें आईपीएल की मुख्य प्रायोजक ड्रीम 11, फोन पे, एमेजॉन, वोडाफोन आइडिया और बाइजूज शामिल हैं। सहायक प्रायोजकों में मोंडलीज, आईटीसी फूड्स, पॉलिकैब, डियाजियो, प्रॉक्टर ऐंड गैंबल, कोका-कोला, हीरो, केपी ग्रुप, फेसबुक, डेली हंट, सैमसंग, क्रेड और एम्फी शामिल हैं।
एक राष्ट्रीय मीडिया एजेंसी जेनिथ में उपाध्यक्ष (मीडिया बाइंग, डिजिटल) सजल गुप्ता ने कहा, ‘आईपीएल के बाद विज्ञापन पर मोटी रकम खर्च करने वाले विज्ञापनदाता विराम ले रहे हैं।’

First Published : November 18, 2020 | 11:24 PM IST