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बड़ा पर्दा बोलेगा बल्ले की बोली

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 10, 2022 | 9:59 PM IST

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का आयोजन दक्षिण अफ्रीका में होने से उन दर्शकों के अरमान ठंडे पड़ गए होंगे, जो स्टेडियम में जाकर  मैच का लुत्फ उठाते हैं। लेकिन उनकी यह हसरत कुछ हद तक पूरी हो सकती है।
ये दर्शक स्टेडियम जैसे माहौल में बड़े पर्दे पर मैच देख सकते हैं। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) आईपीएल मैचों को 18 अप्रैल से 250 से भी ज्यादा मल्टीप्लेक्स में दिखाने के लिए थिएटर प्रसारण अधिकार बेचने की तैयारी में है। शीर्ष मीडिया एजेंसी ग्रुप एम और यूएफओ मूवीज इन अधिकारों की होड़ में सबसे आगे चल रहे हैं।
टूर्नामेंट से जुड़े एक उच्च पदस्थ सूत्र ने बताया कि ग्रुप एम और यूएफओ मूवीज के साथ बातचीत चल रही है। हिस्सेदार मल्टीप्लेक्स में आईपीएल मैचों के प्रसारण से जुड़ी शर्तें तय करने में जुटे हुए हैं। नाम नहीं छापने की शर्त पर सूत्र ने बताया, ‘आईपीएल के अधिकारी ग्रुप एम और यूएफओ मूवीज के साथ बातचीत में जुटे हैं। दोनों के साथ मिलकर वे मल्टीप्लेक्स में मैचों के प्रसारण का बंदोबस्त कर सकते हैं।’
बीसीसीआई सूत्रों के अनुसार थिएटर प्रसारण अधिकार से 18 से 20 करोड़ रुपये की कमाई होने के आसार हैं। यूएफओ मूवीज के उपाध्यक्ष और निदेशक राजा कंवर का कहना है, ‘हम बातचीत तो कर रहे हैं, लेकिन इसका ब्योरा मैं नहीं दे सकता। हमारे पास मैचों के सीधे प्रसारण करने के लिए माकूल तकनीक है और हम जल्द ही कुछ और बातों की घोषणा करेंगे।’ 
आईपीएल ने इस महीने की शुरुआत में ही थियेटर में मैचों को दिखाने के लिए निविदा जारी की थी। दोनों पक्ष इसमें कमाई बांटने पर भी राजी हो सकते हैं। मल्टीप्लेक्स मालिक आईपीएल के प्रसारण पर उत्साहित भी हैं। 
मल्टीप्लेक्स चेन सिनेमैक्स के उपाध्यक्ष देवांग संपत कहते हैं, ‘हम कम से कम एक स्क्रीन पर तो रोजाना आईपीएल के मैच प्रसारित करना चाहेंगे। लेकिन  हमें टूर्नामेंट की सही मार्केटिंग करनी होगी।’
जानी-मानी मल्टीप्लेक्स चेन आइनॉक्स लेजर में प्रोग्रामिंग और डिस्ट्रीब्यूशन के उपाध्यक्ष उत्पल आचार्य भी कहते हैं, ‘अप्रैल और मई के दौरान कोई बहुत बड़ी फिल्म रिलीज नहीं हो रही है, इस लिहाज से आईपीएल को दिखाना खासा फायदेमंद साबित हो सकता है।’ वैसे इस मामले में कुछ बाधाएं भी हैं। थिएटर मालिकों को बिना सेंसर वाली सामग्री को प्रसारित करने के  लिए विशेष अनुमति लेन पड़ेगी।
आचार्य कहते हैं, ‘सिनेमैटोग्राफ अधिनियम के तहत हम थियेटरों में केवल 35 एमएम की फिल्में ही दिखा सकते हैं। ‘ इसके अलावा मनोरंजन कर का मसला भी फंसा हुआ है। फिल्मों के अतिरिक्त कुछ दिखने पर थिएटर में चाहे आधे दर्शक हों, मनोरंजन कर  पूरी सीटों का ही लगता है।  फिल्मों के मामले में हर टिकट की बिक्री पर ही मनोरंजन कर देना होता है।
मल्टीप्लेक्सों में आईपीएल मैचों के प्रसारण की तैयारी
बीसीसीआई, ग्रुप एम और यूएफओ मूवीज में चल रही है बात
बीसीसीआई को 18 से 20 करोड़ रुपये की कमाई का अनुमान
राजस्व हिस्सेदारी के किसी फॉर्मूले पर बन सकती है सहमति
मल्टीप्लेक्स मालिक उत्साहित, लेकिन कुछ चिंताएं बरकरार

First Published : March 29, 2009 | 9:37 PM IST