रिलायंस जियो की थर्ड पार्टी तकनीकी प्रदाता बनाने के लिए दक्षिण कोरियाई उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स एवं दूरसंचार उपकरण विनिर्माता सैमसंग के साथ बातचीत काफी आगे बढ़ गई है। इस तरह जियो की तरफ से खुद ही देश भर में 5जी नेटवर्क शुरू किए जाने को लेकर किए जा रहे प्रयासों में सैमसंग पूरक बनेगी।
रिलायंस ने पहले ही अपनी स्वदेशी 5जी तकनीक विकसित कर ली है, जिसमें कोर, 5जी रेडियोज आदि शामिल हैं। कंपनी ने अपनी प्रतिस्पर्धी दूरसंचार कंपनियों से इतर स्टैंड अलोन 5जी सेवाएं शुरू करने की योजना बनाई है। जियो की प्रतिस्पर्धी कंपनियां नॉन स्टैंड अलोन 5जी से शुरुआत करेंगी, जिसमें नेटवर्क का कोर 4जी पर ही होगा।
सैमसंग और रिलायंस पहले ही मिलकर काम करने के लिए अहम कदम उठा चुकी हैं। उन्होंने मुंबई में 5जी परीक्षण शुरू कर दिए हैं, जो 5जी की प्रतिस्पर्धा में एक अहम शहर है। जियो अपने खुद के 5जी समाधानों का अलग से भी परीक्षण मुंबई और जामनगर में कर रही है। पहले भी दोनों कंपनियों का गहरा रिश्ता रहा है। इस दिग्गज दक्षिण कोरियाई कंपनी ने ही हुआवेई और अन्य यूरोपीय कंपनियों की कड़ी प्रतिस्पर्धा के बावजूद जियो के 4जी नेटवर्क की बोली जीती थी। सूत्रों ने कहा कि जियो के एरिक्शन और नोकिया के साथ मिलकर 5जी परीक्षण अभी शुरू नहीं हो पाए हैं।
सूत्रों के मुताबिक रिलायंस जियो को सैमसंग के उपकरणों के इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई है, जिसे हाल में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय ने ‘भरोसेमंद स्रोत’ करार दिया था। दूरसंचार के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा निर्देशों के तहत किसी मूल उपकरण विनिर्माता (ओईएम) के लिए दूरसंचार कंपनियों को उपकरणों की आपूर्ति से पहले भरोसेमंद का दर्जा हासिल करना आवश्यक है। जो दूरसंचार कंपनियां ओईएम से उपकरण खरीदना चाहती हैं, उनके लिए पहले इसके बारे में सचिवालय में आवेदन करना जरूरी है।
जियो एरिक्सन, नोकिया, डेल और सिस्को के लिए पहले ही आवेदन दायर कर चुकी है। हालांकि सीमा पर भारत-चीन तनाव से हुआवेई को भारत में 5जी दूरसंचार उपकरणों की आपूर्ति में भागीदारी की मंजूरी नहीं मिली है।
हाल में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में रिलांयस जियो के अध्यक्ष और कंपनी में तकनीक से जुड़े अहम व्यक्ति मैथ्यू ओमेन ने कहा कि अभी कंपनी विभिन्न 5जी प्लेटफॉर्म बनाने पर ध्यान दे रही है और खुद के प्लेटफॉर्म के अलावा थर्ड पार्टी तकनीकी प्रदाताओं से गठजोड़ में कोई संकोच नहीं कर रही है। हालांकि रिलायंस जियो ने इस मामले में कोई टिप्पणी नहीं की। सैमसंग ने भी सवालों का कोई जवाब नहींं दिया।
रिलायंस जियो न केवल खुद की स्वदेशी 5जी तकनीक विकसित कर रही है बल्कि देश में दूरसंचार उपकरणों का बैकऐंड विनिर्माण भी सुनिश्चित कर रही है। उदाहरण के लिए इसने हाल में घोषणा की है कि वह अमेरिका की सनमाइना कॉरपोरेशन के साथ संयुक्त उद्यम बनाएगी और उसकी भारतीय इकाई में 1,670 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। सनमाइना विश्व में छठी सबसे बड़ी इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण सेवा कंपनी है। इस संयुक्त उद्यम का संयंत्र दूरसंचार उत्पादों की खातिर उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना के लिए पात्र होगा। इस संयत्र से जियो की दूरसंचार उपकरणों की जरूरत पूरी होगी।
जियो की महत्त्वांकांक्षा दूरसंचार उपकरणों में दुनिया की दिग्गज कंपनी बनने और एरिक्सन, हुआवेई और नोकिया जैसी कंपनियों को टक्कर देने की है। हालांकि 5जी में ओपन रेडियो नेटवर्क तकनीक होने से दूरसंचार कंपनियां विभिन्न तकनीकी प्रदाताओं को चुन एवं गठजोड़ कर कर सकती हैं।