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पेगाट्रॉन जल्द बनाएगी आईफोन

Last Updated- December 11, 2022 | 8:12 PM IST

अनुबंध आधारित विनिर्माण करने वाली ताइवान की कंपनी पेगाट्रॉन कम से कम 7,258 करोड़ रुपये मूल्य के ऐपल आईफोन के उत्पादन के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए कंपनी  250 करोड़ रुपये का निवेश करेगी और वित्त वर्ष 2023 में 5,700 कर्मियों को नियुक्त करने की योजना है। कंपनी कुछ ही दिनों में वाणिज्यिक उत्पादन शुरू करने के लिए तैयार है।
मोबाइल उपकरणों के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत वित्त वर्ष 2023 पेगाट्रॉन के लिए पहला साल होगा। सूत्रों का कहना है कि कंपनी आईफोन 12 के उत्पादन के साथ अपने कारखाने का चालू करेगी और उसके बाद आईफोन 13 का उत्पादन किया जाएगा।
पिछले साल संयंत्र स्थापित करने संबंधी पेगाट्रॉन की योजना को वैश्विक महामारी का झटका लगा था। यह ऐपल का तीसरा वेंडर है। ऐपल के लिए फॉक्सकॉन और विस्ट्रॉन पहले से ही अनुबंध आधारित विनिर्माण कर रही हैं। दोनों कंपनियां पीएलआई योजना के तहत पहले वर्ष (31 मार्च को समाप्त) के प्रोत्साहन के लिए पहले ही पात्र हो चुकी हैं। फॉक्सकॉन की ही तरह पेगाट्रॉन का संयंत्र भी तमिलनाडु में है। जबकि विस्ट्रॉन का संयंत्र कर्नाटक में है।
सूत्रों का कहना है कि पेगाट्रॉन शुरू में घरेलू एवं निर्यात बाजार के लिए ऐपल आईफोन 12 का उत्पादन करेगी। उन्होंने बताया कि पेगाट्रॉन वित्त वर्ष 2023 में 8,000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के ऐपल आईफोन का उत्पादन करेगी क्योंकि पीएलआई योजना के तहत 6 फीसदी का प्रोत्साहन हासिल करने की पात्रता के लिए यह न्यूनतम सीमा है।
हालांकि उम्मीद की जा रही है कि कंपनी न्यूनतम सीमा से अधिक निवेश करेगी जो पहले साल के लिए अनिवार्य है। इस बाबत जानकारी के लिए भेजे गए ईमेल का ऐपल ने कोई जवाब नहीं दिया।
देश में एक नई कंपनी होने के नाते पेगाट्रॉन ने अपने शुरुआती आवेदन में स्पष्ट कर दिया था कि वह वित्त वर्ष 2021 (पीएलआई योजना के पहले वर्ष) में उत्पादन करने में समर्थ नहीं होगी और वह वित्त वर्ष 2022 से ही उत्पादन शुरू कर पाएगी। हालांकि वैश्विक महामारी के कारण सरकार ने पीएलआई योजना की अवधि को एक साल बढ़ा दिया जिसका फायदा पेगाट्रॉन को हुआ और अब उसका पहला उत्पादन वर्ष वित्त वर्ष 2023 होगा।
पेगाट्रॉन वैश्विक स्तर पर अनुबंध आधारित विनिर्माण करने वाला ऐपल का एक प्रमुख वेंडर है। वह ब्रांडेड विक्रेताओं के लिए संचार, कंप्यूटिंग एवं उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों में अनुबंध आधारित विनिर्माण करती है। कंपनी मदरबोर्ड, ग्राफिक कार्ड, नोटबुक, गेमिंग कंसोल्स और सेट टॉप बॉक्स का भी उत्पादन करती है। पेगाट्रॉन का संयंत्र चालू होने से ऐपल को काफी मदद मिलेगी और वित्त वर्ष 2023 में उसके तीनों वेंडरों को कुल मिलाकर 25,000 करोड़ रुपये के न्यूनतम उत्पादन मूल्य तक पहुंचने में आसानी होगी। हालांकि यह अधिकतम 35,000 से 40,000 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है।
वित्त वर्ष 2022 में विस्ट्रॉन और फॉक्सकॉन ने कंपनी को घरेलू बाजार में लगातार बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए उत्पादन के अलावा 10,000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के आईफोन के निर्यात में मदद की। वित्त वर्ष 2022 में प्रोत्साहन हासिल करने के लिए उनका लक्ष्य महज 8,000 करोड़ रुपये का था जिसे उन्होंने आसानी से पार कर लिया।
ऐपल के वेंडरों और सैमसंग की दमदार पहल से वित्त वर्ष 2022 में भारत का मोबाइल फोन निर्यात एक साल पहले के मुकाबले 75 फीसदी बढ़कर 5.5 अरब डॉलर हो गया। इंडिया सेल्युलर ऐंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन ने यह जानकारी दी।

First Published - April 4, 2022 | 11:46 PM IST

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