वोडाफोन आइडिया (वी) और टाटा टेलीसर्विसेज (महाराष्ट्र) लिमिटेड (टीटीएमएल) ने स्पेक्ट्रम शुल्क और समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) बकाया की मॉरेटोरियम अवधि के ब्याज को इक्विटी में बदलने का निर्णय किया है। ऐसे में केंद्र सरकार वीआई में 38.5 फीसदी और टाटा टेली में 9.5 फीसदी हिस्सेदारी ले सकती है।
इससे वोडा आइडिया में सरकार सबसे बड़ी एकल शेयरधारक होगी, वहीं प्रवर्तक की शेयरधारिता 72.5 फीसदी से घटकर 46.3 फीसदी रह जाएगी। हालांकि सरकार कंपनी के निदेशक मंडल में कोई जगह नहीं लेगी और वोडा आइडिया का मौजूदा प्रबंधन बना रहेगा।
टाटा टेली ने कहा कि उसके निदेशक मंडल ने एजीआर बकाया के पूरे ब्याज को इक्विटी में बदलने का निर्णय किया है, जो कंपनी के नियम और शर्तों पर आपसी सहमति पर निर्भर करेगा।
पिछले साल अक्टूबर में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दूरसंचार क्षेत्र के लिए राहत पैकेज को मंजूरी दी थी। इस कदम का मकसद कंपनियों की तरलता में सुधार लाना और कारोबारी सुगमता को बढ़ाना था। दूरसंचार कंपनियों को स्पेक्ट्रम और एजीआर बकाया भुगतान के लिए चार साल का मॉरेटोरियम का विकल्प दिया गया था। इसके साथ ही कंपनियों को यह सुविधा दी गई थी कि वह टाली गई अवधि के लिए ब्याज का भुगतान करेंगी या फिर ब्याज देनदारी को इक्विटी में बदलेगी।
सोमवार को वोडा आइडिया के निदेशक मंडल ने समूचे ब्याज को इक्विटी में बदलने का निर्णय किया, जो करीब 16,000 करोड़ रुपये है। इसके तहत सरकार को 10 रुपये प्रति शेयर के भाव पर शेयर आवंटित किए जाएंगे। सरकार द्वारा राहत पैकेज की घोषणा के समय तय मूल्य से कंपनी का औसत शेयर भाव नीचे चला गया है। शेयर का आवंटन दूरसंचार विभाग की ओर से पुष्टि करने के बाद की जाएगी। सरकार सूटी या अन्य ट्रस्टी व्यवस्था के तहत इन शेयरों को अपने पास रखेगी।
कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंज को बताया, ‘ब्याज को इक्विटी में बदलने से प्रवर्तक सहित सभी मौजूदा शेयरधारकों की हिस्सेदारी में कमी आएगी। इससे सरकार के पास 35.8 फीसदी हिस्सेदारी हो सकती है और प्रवर्तकों की हिस्सेदारी 28.5 फीसदी (वोडाफोन समूह) और 17.8 फीसदी (आदित्य बिड़ला समूह) रह सकती है।’
वर्तमान में आदित्य बिड़ला समूह के पास कंपनी की 27.7 फीसदी और वोडाफोन समूह के पास 44.3 फीसदी हिस्सेदारी है। वोडा आइडिया के प्रवर्तकों ने संचालन अधिकार की रक्षा के लिए शेयरधारिता समझौते तथा आर्टिकल ऑफ एसोसिएशन में संशोधन करने का भी निर्णय किया है। प्रवर्तकों की शेयरधारिता घटने के बाद यह संशोधन जरूरी है।
इस खबर से वोडा आइडिया का शेयर 20 फीसदी टूटकर 11.80 रुपये पर बंद हुआ। कंपनी के एक करीबी सूत्र ने कहा कि शेयर भाव में गिरावट मौजूदा भाव से कम पर शेयर देने की वजह से आई है। टाटा टेली के मामले में ब्याज की बकाया राशिकरीब 850 करोड़ रुपये होगी। कंपनी 41.50 रुपये प्रति शेयर भाव पर इक्विटी जारी करेगी और सरकार को कंपनी में 9.5 फीसदी शेयर मिल सकते हैं।