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फैबलेस स्टार्टअप को सरकारी मदद

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 6:06 AM IST

वह दिन दूर नहीं जब घरेलू उद्यमी क्वालकॉम अथवा ब्रॉडकॉम की तरह अगली वैश्विक फैबलेस चिप डिजाइन एवं उत्पाद कंपनियां स्थापित करेंगे। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय देश में फैबलेस स्टार्टअप की मदद के लिए करीब 1,000 करोड़ रुपये आवंटित करने की एक योजना को अंतिम रूप दे रहा है। माइक्रोचिप को डिजाइन करने और चिप के उत्पादन के लिए अनुबंध करने वाली कंपनियों को फैबलेस कंपनियां कहते हैं।
विभिन्न हितधारकों के साथ चर्चा के आधार पर इस परिव्यय से 50 से 100 स्टार्टअप को मदद मिल सकती है। इनमें से कुछ स्टार्टअप वैश्विक चिप डिजाइन कंपनियां भी बन सकते हैं। अगले कुछ सप्ताह में इस कार्यक्रम की घोषणा होने की उम्मीद है। फैबलेस स्टार्टअप को चार क्षेत्रों में मदद की जा सकती है- सीड फंडिंग, विकास चरण के दौरान मदद, सामान्य बुनियादी ढांचा जैसे फैब, आईपी ब्लॉक आदि और कंप्यूटिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर। यह पहल सरकार की उस व्यापक योजना का हिस्सा है जिसके तहत सेमीकंडक्टर एवं डिस्प्ले फैब्रिकेशन, वियरेबल्स एवं आईओटी (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) उपकरणों और फैबलेस उत्पाद कंपनियों के लिए 5 अरब डॉलर प्रदान करने की बात कही गई है।
सरकार के साथ करीबी से काम कर रहे इंडिया इलेक्ट्रॉनिक्स ऐंड सेमीकंडक्टर एसोसिएशन (आईईएसए) के चेयरमैन सत्य गुप्ता ने कहा, ‘1,000 करोड़ रुपये के राजकोषीय प्रोत्साहन से इस क्षेत्र के करीब 100 स्टार्टअप को मदद मिल सकती है। हम उम्मीद करते हैं कि उनमें से कुछ वैश्विक कंपनियां बनेंगी। भारत में फैबलेस डिजाइन के लिए असाधारण प्रतिभा है और लगभग सभी शीर्ष वैश्विक सेमीकंडक्टर एवं डिजाइन कंपनियों के आरऐंडडी केंद्र यहां मौजूद हैं।’ इंटेल से लेकर क्वालकॉम तक सभी अग्रणी वैश्विक कंपनियों ने देश में अनुसंधान एवं विकास पर काफी निवेश किया है।
गुप्ता ने कहा कि भारत में फैबलेस स्टार्टअप को पहले मध्यम जटिलता वाले चिप के उत्पादन होने तक 50 लाख से 1 करोड़ डॉलर तक के निवेश की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा, ‘हालांकि सरकार मदद उपलब्ध करा रही है लेकिन शेष रकम वेंचर कैपिटल एंव प्रमुख निवेशकों से जुटाई जाएगी।’
सेमीकंडक्टर पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित किए जाने के मद्देनजर सरकार ने भी देश में सेमीकंडक्टर एवं फैब्रिकेशन इकाइयों के लिए कंर्सोटियम स्थापित करने के लिए भारतीय एवं वैश्विक कंपनियों से अभिरुचि पत्र आमंत्रित किए हैं। कुल मिलाकर, इस क्षेत्र के परियोजना प्रस्तावों पर विचार करने और देश में इस प्रकार के निवेश को सुगम बनाने के लिए सरकार ने वाणिज्यि एवं उद्योग मंत्री के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय समिति गठित की है।
हालांकि इनमें से अधिकतर संयंत्रों में भारी निवेश की आवश्यकता होगी जो 5 अरब डॉलर से अधिक की हो सकती है। साथ ही इसके लिए सरकार से भी काफी मदद की दरकार होगी। सरकार देश में फैबलेस कंपनियों में निवेश पर विचार करने के लिए इंटेल, टीएसएमसी, सैमसंग, टेक्सास इन्सट्रूमेंट्स, यूएमसी आदि कंपनियों से बातचीत कर रही है।

First Published : April 10, 2021 | 12:10 AM IST