गूगल द्वारा गूगल प्ले स्टोर पर सदस्यता शुल्क आधा किए जाने के फैसले का उद्योग ने बड़े स्तर पर स्वागत किया है, लेकिन एलायंस ऑफ डिजिटल इंडिया फाउंडेशन (एडीआईएफ) ने कहा है कि यह एक ध्यान भटकाने वाली रणनीति है।
भारत में डिजिटल स्टार्टअप के थिंक टैंक एडीआईएफ के कार्यकारी निदेशक सिजो कुरुविला जॉर्ज ने कहा कि यह तथ्य कि गूगल कीमतों को एकतरफा रूप से घोषित करने और निर्धारित करने में सक्षम है, जैसा कि इस घोषणा से भी स्पष्ट होता है, इस मसले की मुख्य बात है। डेवलपर्स जो चीज मांग रहे हैं, वह है निष्पक्षता, न कि घटाए गए कमीशन प्रतिशत के रूप में परोपकार। प्रतिशत की बात कभी नहीं रही है। मूल्य निर्धारण को बाजार की ताकतों पर छोड़ दिया जाना चाहिए। जब ??तक गूगल एकतरफा कीमतों को निर्धारित कर रहा है और लोगों के पास विकल्प नहीं हैं, तब तक यह ‘लगान’ भी है – चाहे वह 30 प्रतिशत हो, 15 प्रतिशत हो या भले ही दो प्रतिशत भी, प्रतिशत से कोई फर्क नहीं पड़ता। ऐसा लगता है कि यहां दिशा और ध्यान भटकाना चल रहा है।
गूगल ने गुरुवार को कहा था कि 1 जनवरी, 2022 से वह गूगल प्ले स्टोर पर सभी सदस्यताओं के लिए सेवा शुल्क को 30 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत कर देगा और सदस्यता की पेशकश करने वाले डेवलपरों के लिए इसका मतलब यह है कि पहले साल का सदस्यता शुल्क कम होकर आधा रह जाएगा।
इंडस ओएस के सह-संस्थापक और मुख्य कार्याधिकारी राकेश देशमुख ने कहा कि यह एक अच्छा कदम है जो डेवलपरों के लिए अनुकूल है। यहां समझने की दिलचस्प बात यह है कि ये एक दिशा वाले ऐसे शब्द हैं, जिन्हें गूगल द्वारा किसी भी दिन बदला जा सकता है। हमें एक ऐसा वातावरण तैयार करना है, जहां डेवलपरों और उपयोगकर्ताओं के हितों की रक्षा के लिए सच्ची प्रतिस्पर्धा हो और बाजार सही कमीशन निर्धारित करे। भले ही यह एक अच्छा अस्थायी निर्णय है, लेकिन दीर्घकाल में इससे समस्या का समाधान नहीं होने वाला है।