facebookmetapixel
कृषि को लाभदायक बिजनेस बनाने के लिए ज्यादा ऑटोमेशन की आवश्यकताQ2 Results: टाटा स्टील के मुनाफे में 272% की उछाल, जानें स्पाइसजेट और अशोक लीलैंड समेत अन्य कंपनियों का कैसा रहा रिजल्टसेबी में बड़े बदलाव की तैयारी: हितों के टकराव और खुलासे के नियम होंगे कड़े, अधिकारियों को बतानी होगी संप​त्ति!Editorial: आरबीआई बॉन्ड यील्ड को लेकर सतर्कनिर्यातकों को मिली बड़ी राहत, कैबिनेट ने ₹45,060 करोड़ की दो योजनाओं को दी मंजूरीसीतारमण का आठवां बजट राजकोषीय अनुशासन से समझौता नहीं कर सकताटाटा मोटर्स की कमर्शियल व्हीकल कंपनी की बीएसई पर हुई लिस्टिंग, न्यू एनर्जी और इलेक्ट्रिफिकेशन पर फोकसग्लोबल एआई और सेमीकंडक्टर शेयरों में बुलबुले का खतरा, निवेशकों की नजर अब भारत परसेबी की चेतावनी का असर: डिजिटल गोल्ड बेचने वाले प्लेटफॉर्मों से निवेशकों की बड़ी निकासी, 3 गुना बढ़ी रिडेम्पशन रेटप्रदूषण से बचाव के लिए नए दिशानिर्देश, राज्यों में चेस्ट क्लीनिक स्थापित करने के निर्देश

साइबर सुरक्षा जोखिम आठ तिमाहियों में सबसे ज्यादा रहा

Last Updated- December 11, 2022 | 8:42 PM IST

केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) के तहत आने वाले प्रौद्योगिकी विभाग (आईटी) का एक मकसद कंप्यूटर सुरक्षा घटना प्रतिक्रिया टीम (सीएसआईआरटी) की स्थापना करना है। यह देखते हुए कि संस्थानों पर साइबर सुरक्षा हमले बढ़ रहे हैं, मीडिया रिपोर्टों से पता चलता है कि सरकार जल्द ही इस लक्ष्य की ओर बढ़ सकती है। जबकि राष्ट्रीय महत्त्वपूर्ण सूचना अवसंरचना संरक्षण केंद्र (एनसीआईआईपीसी) प्राथमिक निकाय है जो अहम बुनियादी ढांचे के लिए दिशानिर्देश देता है और सीईए की नई टीम साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए एनसीआईआईपीसी और सीईआरटी-इन (भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम) के साथ समन्वय करेगी।
बिज़नेस स्टैंडर्ड के विश्लेषण से पता चलता है कि भारत को इसकी सख्त जरूरत हो सकती है क्योंकि साइबर सुरक्षा से जुड़े जोखिम आठ तिमाहियों में उच्चतम स्तर पर थे। एनसीआईआईपीसी द्वारा जारी किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि सितंबर और नवंबर 2021 के बीच, साइबर असुरक्षा को देखते हुए 4,629 घटनाएं देखी गईं जिनमें से करीब 83.3 प्रतिशत मामले काफी गंभीर थे। एक साल पहले की तुलना में रिपोर्ट किए गए साइबर असुरक्षा के मामले में 13 प्रतिशत की वृद्धि हुई। जहां पिछले साल उच्च जोखिम वाली साइबर असुरक्षा की घटनाएं कम थीं, वहीं सितंबर और नवंबर 2020 की तुलना में मध्यम जोखिम वाली साइबर असुरक्षा की संख्या में वृद्धि हुई है। विश्लेषण से पता चलता है कि पिछली 12 तिमाहियों में मध्यम-जोखिम वाली असुरक्षा दूसरे पायदान पर उच्चतम स्तर पर थीं जिसके लिए डेटा उपलब्ध है। उच्च जोखिम वाली साइबर असुरक्षा 2018 के बाद चौथी बार 900 का आंकड़ा पार कर गई हैं।
अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयू) द्वारा जारी वैश्विक साइबर सुरक्षा सूचकांक में भारत को 10वां स्थान दिया गया जो साइबर सुरक्षा से जुड़े ढांचे के आधार पर देशों का आकलन करता है। कॉम्पैरिटेक के एक अध्ययन में भारत को साइबर सुरक्षा के मामले में 60 देशों में से सबसे कम सुरक्षित देशों में दिखाया गया था। पिछले साल साइबर सुरक्षा कंपनी क्लाउडसेक की एक रिपोर्ट में पाया गया कि भारत में 13 इंस्टॉलेशन दुनिया में सबसे ज्यादा असुरक्षित थे क्योंकि वे डिफॉल्ट क्रेडेंशियल्स का इस्तेमाल कर रहे थे। हालांकि भारत ने अभी तक अपनी राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा रणनीति 2021 की घोषणा नहीं की है।

First Published - March 17, 2022 | 11:21 PM IST

संबंधित पोस्ट