facebookmetapixel
क्या आपका डिजिटल गोल्ड अब खतरे में है? एक्सपर्ट ने दी राय – होल्ड करें या कैश आउट करें?Groww IPO: ₹114 पर लिस्टिंग के बाद 5% चढ़ा शेयर, बेच कर निकल लें या लॉन्ग टर्म के लिए करें होल्ड?Gold and Silver Price Today: सोना-चांदी आज भी हुए महंगे! गोल्ड 1,24,400 रुपये के करीब; सिल्वर 1,55,600 रुपये के स्तर परTata Group में नई पीढ़ी की एंट्री! नोएल टाटा के बेटे नेविल टाटा बने ट्रस्टी, जानिए क्या है रतन टाटा से कनेक्शनभारत-भूटान ने किए 7 समझौते, 4000 करोड़ रुपये के ऊर्जा ऋण का ऐलान₹12 तक डिविडेंड पाने का आज आखिरी मौका! कल ये 6 कंपनियां करेंगी एक्स डेट पर ट्रेडलाल किले के पास विस्फोट की जांच अब NIA करेगी, पुलवामा से जुड़े मॉड्यूल पर सतर्कताअचल संपत्ति बेचना ‘सेवा’ नहीं, यह सर्विस टैक्स के दायरे से बाहर: सुप्रीम कोर्ट तेजी का मौका! एनालिस्ट ने बताए 3 स्टॉक्स जो पहुंच सकते हैं ₹2,980 तकग्रीन हाइड्रोजन लक्ष्य में बदलाव, 2030 तक 30 लाख टन उत्पादन का नया टारगेट

भारतीय मानक 5जीआई पर बदला रुख

Last Updated- December 11, 2022 | 9:37 PM IST

दूरसंचार विभाग दूरसंचार कंपनियों के कड़े विरोध के बाद 5जी के भारत केंद्रित अलग मानक- 5जीआई को बढ़ावा देने की अपनी विवादास्पद योजना टालने जा रहा है। इससे दूरसंचार कंपनियों को बड़ी राहत मिली है। सरकार समर्थित टेलीकॉम स्टैंडर्ड डेवलपमेंट सोसाइटी ऑफ इंडिया (टीएसडीआई) ने दूरसंचार विभाग के तहत आने वाले दूरसंचार इंजीनियरिंग सेंटर (टीईसी) को 25 जनवरी को सूचित किया कि 5जीआई को राष्ट्रीय मानक के रूप में अपनाने की प्रक्रिया पर आगे नहीं बढ़ा जाए।
टीएसडीआई ने अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयू) को सूचित किया कि वह तीसरी पीढ़ी की साझेदारी परियोजना (3जीपीपी) द्वारा तय वैश्विक 5जी मानकों का पालन करेगी और उम्मीद करती है कि उसके अपने 5जीआई मानकों का अगले वैश्विक सम्मेलन में इसमें विलय हो जाएगा। इसने यह भी साफ कर दिया है कि वह 5जीआई पर आगामी अपडेट के लिए कोई प्रस्ताव नहीं सौंपना चाहती।
दूरसंचार कंपनियों ने इस प्रस्ताव पर हंगामा खड़ा कर दिया था। उनका कहना था कि अलग भारतीय मानक से उनकी नेटवर्क लागत और मोबाइल उपकरणों की कीमत बहुत बढ़ जाएगी क्योंकि भारत के लिए विशेष चिपसेट बनानी होंगी और देश दुनिया भर में बड़े पैमाने पर होने वाले उत्पादन के कारण लागत में कमी का लाभ नहीं उठा पाएगा। इस प्रस्ताव से अन्य वैश्विक नेटवर्कों के साथ परिचालन भी गंभीर समस्या बन जाएगी, जिससे दुनिया भर में बिना रुकावट रोमिंग जैसी सेवाओं पर असर पड़ेगा। कंपनियों ने यह भी कहा कि इससे दुनिया में 5जी दूरसंचार उपकरण और मोबाइल उपकरण विनिर्माण का केंद्र बनने की भारत की महत्त्वाकांक्षा पूरी नहीं हो पाएगी। 5जी के परीक्षणों के तहत दूरसंचार कंपनियों से 5जीआई मानकों का भी परीक्षण करने को कहा गया था। ट्राई ने दूरसंचार कंपनियों से इस तकनीक की खूबियों और खामियों के बारे में प्रस्तुति देने को कहा था।
टीएसडीआई आईआईटी और शोध केंद्रों के साथ मिलकर एक अलग मानक की पहल की अगुआई कर रही है। हालांकि इसने आईटीयू और टीईसी से कहा है कि वह उम्मीद करती है कि वैश्विक मानक में 5जीआई मानक के विलय के दिसंबर में सौंपे गए प्रस्ताव को मार्च में आगामी वैश्विक बैठक में स्वीकार कर लिया जाएगा।
इसके बाद टीएसडीआई 3जीपीपी को सभी बाजारों को एकसमान समाधान से मदद देने की मंजूरी देगी और 5जीआई पर कोई आगामी अपडेट नहीं सौंपेगी।
हालांकि टीडीएसआई 5जी के लिए भारतीय मानक पर जोर दे रही थी। इसने कहा था कि यह भारतीय स्थितियों के अनुकूल है क्योंकि इसे ग्रामीण इलाकों में कारगर रहने के लिए डिजाइन किया गया है। टीडीएसआई ने कहा था कि इससे पूरे देश में स्वदेशी तकनीक आधारित किफायती ब्रॉडबैंड सेवाएं सुनिश्चित होंगी। मगर भारतीय मानकों को 3जीपीपी में वैश्विक दिग्गज कंपनियों का समर्थन नहीं मिला क्योंकि इन देशों में से ज्यादातर में बड़ी ग्रामीण आबादी नहीं है। एक दूरसंचार कंपनी के कार्याधिकारी ने भारतीय मानक को बढ़ावा दिए जाने की संभावित चुनौती के बारे में कहा कि ये दोनों पूरी तरह अलग हैं। अधिकारी ने कहा, ‘3जीपीपी और 5जीआई 5जी के लिए दो अलग-अलग मानक हैं। यह सीडीएमए और जीएसएम में से किसी एक को चुनने के समान है। अगर हम 5जीआई को अपनाते तो भारत सबसे अलग पड़ जाता।’

First Published - January 27, 2022 | 11:04 PM IST

संबंधित पोस्ट