अमेरिका ने भारत के नए प्रतिस्पर्धा कानून पर आपत्ति जताई है जिसके तहत विदेशी कंपनियों को विश्व के किसी भी कोने में अधिग्रहण या विलय करने के लिए नियामक की मंजूरी लेने की जरूरत होगी।
कांग्रेस को सौंपी गई एक रपट में अमेरिकी व्यापार मंत्रालय ने कहा कि उसने संशोधित प्रतिस्पर्धा कानून के तहत विलय और अधिग्रहण के नए नियम में बदलाव के मसले को भारत सरकार के सामने उठाया है। राष्ट्रीय व्यापार अनुमान रिपोर्ट 2008 में कहा गया, ‘अमेरिका उद्योग विदेशी सरकारों भारतीय कंपनियों और उद्योग समूहों के साथ बातचीत कर रहा है ताकि नए कानून के नियमों के तहत विलय और अधिग्रहण संबंधी सबसे मुश्किल पहलुओं को ठीक किया जा सके।’
सितंबर 2007 मे भारत सरकार ने अपने प्रतिस्पर्धा कानून में नए विलय नियंत्रण संशोधन पेश किए। भारत के साथ सीमित संबंध रखने वाली विदेशी कंपनियों को विलय और अधिग्रहण प्रस्तावों के अधिसूचित होने बाद भारत गृह देश या फिर विश्व के किसी कोने में ऐसे सौदे करने के लिए अनुमति लेने की जरूरत होगी।